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आ्चि ्य का क्वर्य नहीं होगा । इसका अर्थ ्यह भी है क्क केंद्र सरकार को अब राज्य के साथ नए क्ववादों के क्लए हर सम्य तै्यार रहना होगा । राज्य में कांग्ेस और वामपंथी दलों का दौर समापत हो चिुका है । क्पछले दस वरषों के दौरान क्वपक्ी दलों की भूक्मका में कांग्ेस और वामपंथी दलों ने परोक् ्या अपरोक् रूप से तृणमूल का क्जस तरह से सह्योग क्क्या , उसका नतीजा अबकी बार चिुनाव परिणाम में देखा जा सकता है । राज्य की जनता ने दोनों ही दलों को पूरी तरह से नकार क्द्या । मालदा और मुक्श्यदाबाद जैसे गढ़ में ही कांग्ेस को एक भी सी्ट नहीं क्मली । वामपंथी दलों का भी राज्य में सफा्या हो ग्या है । इसका सीधा सा अर्थ ्यह भी है क्क सबसे बड़़े क्वपक्ी दल के रूप में भाजपा को जो मौका राज्य में क्मला है , अगर पार्टी उसका उप्योग जनता की आकांक्ाओं को पूरा करने के क्लए करेगी तो राज्य में अगली सरकार बनाने से कोई नहीं रोक पा्येगा ।
बंगाल की तरह केरल और तक्मलनाडु में क्मली पराज्य भी पार्टी के क्लए बड़ा सबक है । तक्मलनाडु में चिार सी्ट पर क्वज्य हाक्सल करके भाजपा ने अपनी भूक्मका को और मजबूत क्क्या है । लेक्कन धमाांतरण से बुरी तरह प्रभाक्वत तक्मलनाडु में डीएमके के क्हत्दू कार्ड की रणनीक्त , ऑल इंक्ड्या अन्ना द्रविड़ मुनेरि कड़गम ( अन्नाद्रमुक ) और भाजपा गठबंधन के क्लए भारी पड़ी । इसके बावजूद पार्टी की सबसे बड़ी क्वज्य को्यंब्टूर दक्षिण की सी्ट पर रही , जहां वनाती श्रीक्नवासन ने क़्िलम अक्भनेता कमल हासन को पराक्जत क्क्याI भाजपा के तक्मलनाडु प्रभारी एवं पार्टी महासक्चिव सी्टी रक्व के अनुसार राज्य में भाजपा के कई उममीदवारों को क्मली बढ़त और पार्टी का बढ़ता जनाधार ्यह संकेत देने के क्लए काफी है क्क पार्टी ने चिुनाव में अचछा प्रदर्शन क्क्या है । अभी चिुनाव के नतीजों का और विश्लेषण करने की ज़रूरत है ।
इसी प्रकार केरल में भी पार्टी का जनधार तो बढ़ा पर चिुनावी मैदान में पार्टी पूरी तरह धराशाही हो ग्यी । पार्टी के एक भी उममीदवार चिुनाव में
क्वज्य नहीं हाक्सल कर पा्या । मेट्ोमैन ई . श्रीधरन से लेकर भाजपा अध्यक् के . सुरेंद्रन , पूर्व केंद्री्य मंरिी के जे अलिोंस जैसे नेताओं का पराज्य का सामना करना पड़ा । प्रश्न ्यह उठता है क्क आक्खर तमाम प्र्यासों के बावजूद क्वज्यन सरकार सत्ा में क्िर कैसे वापस आ ग्यी ? उत्र बहुत सीधा है । राज्य में मुख्यमंरिी क्पनराई क्वज्यन ने अपनी छक्व कुछ इस तरह की बना ली है क्क आम जनता उन्हें एक क्नण्य लेने वाला , ्योग्य , क्मतावान नेता के रूप में देखती
है । साथ ही पार्टी कैडर इतना मजबूत हो चिुका है क्क उसे कमजोर करना आसान नहीं है । कोक्वड संरिमण के दौरान राज्य में रहने वाले हर नागरिक को मुफत राशन , फ्ी भोजन की व्यवसथा , संकटग्रसत लोगों की आक्थ्यक मदद जैसे कार्यों ने आम जनता को क्वज्यन खेमे से जोड़़े रखने में अपनी भूक्मका क्नभाई । राज्य के मुख्य क्वपक्ी दल के रूप में कांग्ेस नेतृतव वाला ्यूडीएफ कुछ खास कर क्दखा पाने में नाकाम्याब रहा । कांग्ेस नेता राहुल गांधी और क्प्र्यंका गांधी
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