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कुपरमपराओं के लिए उत्रदायी कारकों को अचछी तरह समझकर , उनका ततकाल निदान करके मानव समाज के साथ ही प्रथवी को समग् रूप से सुरलक्त किया जा सकता है ।
प्रतियोगिता , उपभोकतावाद की मानसिकता एवं वैशवीकरण की इस अनधी दौड़ में आज हम किस प्रकार आगे बढ़कर इन चुनौतियों को सवीकार करें ? इसी तरह आतंकवाद के भभकते जवाला को कैसे शानत किया जाए एवं आतंकवाद के समासपत के बाद विशव के पुनः नवनिर्माण की चुनौतीपूर्ण कार्य कया किसी अनय देश की क्मता में है ? ऐसे में आज संगठित होकर मानव समाज के बहुमुखी विकास के प्रति एक वैसशवक मिशन के समबनध में जी-20 समूह को धयान देना अति आवशयक है । मानव जब सुरलक्त होगा तभी मानव समाज अपने वैसशवक मिशन को पूर्ण कर सकेगा । मानव समाज का वैसशवक मिशन विशव शासनत , वसुधैवकु्टुमबकम् तथा विशव का मार्ग दर्शन करना है । और ऐसा करने के बाद ही मानव समाज को हर तरह के भेदभाव से मुसकत मिल सकेगी कयोंकि जाति , प्रजाति एवं धनी-निर्धन के भेद में फंसा मानव समाज आज अपने प्रचणड दुर्भागय पर आंसू बहा रहा है । उममीद है कि भारत के नेत्रतव में जारी जी-20 समूह की बैठक आर्थिक मुद्ों के साथ ही इन सभी मुद्ों पर भी विचार करेगी और कोई ऐसा एजेंडा से्ट करके काम करने का निर्णय लिया जायेगा , जो जाति , प्रजाति और गरीबी के समपूण्व रूप से उनमूलन की दिशा में कारगर सिद्ध होंगे । �
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प्रधानमंत्ी मोदी की दमूरगामी
नीतियदों ने बदल दिया देश
आर्थिक संकटदों का सामना कर रहे विकसित देशदों को भारत से बड़ी उम्ीद
संजय दीक्षित
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रत को जी-20 समूह की अधयक्ता का मौका मिलना देश के लिए गर्व का विषय है । देशवासियों के लिए गर्व एवं सवालभमान का यह अवसर प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी की उन नीतियों का परिणाम है , जो विकास के नए मार्ग
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को लेकर सामने आयी हैं । केंद्र में 2014 में सत्ा संभालने के बाद प्रधानमंत्ी मोदी की नीतियों और उन नीतियों के जमीनी सतर पर वासतलवक लकयानवयन से भारत के सवरूप में हुए ऐतिहासिक परिवर्तन को अब समपूण्व विशव हैरत के साथ देखने के लिए बाधय हो गया है । आर्थिक , सामाजिक और तकनीकि रूप से