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“ आज भारत के पास इतना कु छ है , हमें बस अपने आत्मविश्ास को , आत्मनिर्भरता के जज्े को मजबूत करना है । यह आत्मविश्ास तभी आएगा , जब विकास में सबकी भागीदारी होगी ।“ — नरेंद्र मोदी , प्रधानमंत्ी
मंत्र को प्रतयेक क्ेत्र में सताकतार कर , हर एक जन को भतारतीय होने कता गौरवमयी सुखद अहसतास करतायता है । इसके लिए दीर्घकताकलक सोच के सताथ नई योजनताओं की शुरुआत हो यता पूर्व की योजनताओं में व्यापक बदलतार लतानता , ऐसी लगभग 700 से अधिक योजनताओं , मिशन , कताय्वक्रमों के जरिए जन-जन के जीवन में सुगमतता कता अहसतास करतायता है जिससे देश कता जन गण मन आजतादी के 75वें वर्ष में अमृत कताल को कर्तवय पथ से जोड़कर नए भतारत के कनमता्वण की ओर बढ़ चलता है ।
सबका साथ , विकास , विश्ास , प्रयास एक साथ
बीते आठ सतालों में प्रधतानमंत्री मोदी के नेतृतर में देश और विशर ने देखता है कि नए-नए लक्य कनधता्वरित करनता और कनधता्वरित समय सीमता के भीतर अंतिम छोर तक उसकी पहुंच सुनिश्चित करनता संभव है , बशतते इच्छाशक्ति प्रबल हो । इसी इच्छाशक्ति के दम पर देश की
आवशयकतताओं को भी पूरता कियता जता रहता है और जन — जन के सभी सपनों को एक के बताद एक चरणबद् तरीके से समग्तता में कसद् करते हुए विकतास की सशकत गताथता लिखी जता रही है ।
इसकता आधतारसतंभ बनता है बीते 8 रषयों में शतासन को सुशतासन में बदलने की प्रधतानमंत्री नरेंरि मोदी की सोच और जनसतामरय्व को जनभतागीदतारी से जोड़नता । इसी कता परिणताम है कि आज देश में केंरि सरकतार की ओर से 700 से अधिक योजनताएं संचताकलत हैं । इनमें दीर्घकताकलक दृष्टिकोण के सताथ लताई गई नई योजनताओं के अलतारता पूर्व की योजनताएं भी शताकमल हैं , जिन्हें व्यापक सुधतारों
के सताथ लतागू कियता गयता है । अगर औसत में देखता जताए तो मौजूदता केंरि सरकतार बीते 8 रषयों में लगभग हर चौथे दिन एक नई योजनता यता सुधतारों के सताथ पूर्व की योजनता को लेकर आई
8 twu 2022