है । यह योजनताएं न सिर्फ समताज के हर वर्ग को लताभ पहुंचता रहीं हैं बल्कि प्रतयेक नतागरिक को सशकत और स्वावलंबी बनताने के सताथ-सताथ राष्ट्र को आतमकनभ्वर बनताने की दिशता में कनणता्वयक भूमिकता निभता रही हैं ।
वंचितों का विकास सिवोच्च प्राथद्िकता
केद्रि की सत्ता के संचतालन की जिममेदतारी संभतालने के बताद बीते आठ सतालों में प्रधतानमंत्री नरेद्रि मोदी की सरवोच्च प्रताथमिकतता शोषितों , पीकडतों , वंचितों , दलितों , आकदरताकसयों और महिलताओं के समग् विकतास की रताह तैयतार करने की रही है । इसके लिए सपीड पर भी ध्यान दियता गयता है और सकेल पर भी । विकतास की सोच समग्तता में परिलकक्त होती है । तमताम योजनताओं को समग्तता में देखें तो उसकता लक्य विकतास की यतात्रता में पीछ़े छूट गए लोगों को सिर्फ बरताबरी कता नहीं बल्कि आगे आने कता मौकता देने कता है । यही वजह है कि तुलनतातमक तौर पर देखें तो आजतादी के बताद के 75 सतालों में बीते आठ सताल हर लिहताज से अतुलनीय हैं । पहले की तुलनता में विकतास की गति और इसके पैमताने को कितनता अधिक विस्तार मिलता है इसकता सहज अंदताजता
इसी बतात से लगतायता जता सकतता है कि वर्ष 2014 के बताद से बीते 8 सतालों में विकतास योजनताओं पर करीब 91 लताख करोड़ रुपये हुए खर्च हुए हैं जबकि 2004 से 2014 के पूर्वरतती कतांग्ेसनीत संप्रग सरकतार के कताय्वकताल के दस सतालों के दौरतान विकतास योजनताओं पर 49.2 लताख करोड़ रुपये ही खर्च किए गए थे । जताकहर है कि विकतास योजनताओं पर पहले के मुकताबले हुए औसतन तकरीबन दोगुनता अधिक खर्च कता लताभ भी मिलता है और आम लोगों के जीवन सतर में ही नहीं बल्कि उनकी आशताओं और अपेक्षाओं में भी सुधतार आयता है ।
अधिकांश योजनाओं के के न्द्र में अनुसूचित
आज की ततारीख में देश में केद्रि द्वारता संचताकलत 700 से अधिक योजनताओं कता समग्तता में विशलेषण कियता जताए तो इसकता लक्य दलितों , अनुसूचितों , पिछडों और वंचितों कता अधिकतम सशक्तिकरण ही है । अनुसूचितों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए अधिकतम अवसर उपलबध करताने की सोच के तहत ही 2016 में शुरू हुई सटैंडअप इंडियता योजनता को अब 2025 तक के लिए बढ़ता दियता गयता है । इस योजनता के
तहत देश के सभी बैंकों की प्रतयेक शताखता को अकनरताय्व रूप से कम से कम एक अनुसूचित समुदताय के वयन्कत को न्यूनतम 10 लताख से अधिकतम एक करोड़ रुपए कता लोन उपलबध करतानता होतता है । अनुसूचित समताज के सर्वांगीण विकतास के लिए ऐसी तमताम योजनताएं संचताकलत हो रही हैं जिसकता लताभ सबसे अधिक वंचित तबके को ही मिल रहता है । मिसताल के तौर पर ....
प्रधानमंत्री गररीब कल्ाण अन्न योजना
कोविड-19 महतामतारी के दौरतान 26 मताच्व , 2020 को 3 महीने के लिए शुरू की गई इस योजनता से आर्थिक तौर पर समताज के सबसे निचले पतायदतान पर खड़े लोगों को मिल रहे अपेकक्त लताभ को देखते हुए इस योजनता की समय सीमता को सरकतार लगताततार आगे बढ़ता रही है । इस योजनता के तहत 80 करोड़ लोगों को मुफत रताशन दियता जता रहता है । योजनता में 10 किलो अतिरिकत मुफत में गेहूं यता चतारल के अलतारता एक किलो दताल भी दी जताती है । कैबिनेट ने पिछले दिनों योजनता के छ़्े चरण को मंजूरी दी है जो सितंबर , 2022 तक के लिए है । इस योजनता पर सरकतार 2 लताख 60 हजतार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है और सितंबर 2022 तक 80 हजतार करोड़ रुपए और खर्च किए जताएंगे । अप्रैल , 2022 तक इस योजनता में 1000 लताख मीट्रिक टन से अधिक निशुलक खताद्यान्न वितरित कियता गयता । अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी इस योजनता की सरताहनता की है । यह संसतार की सबसे बडी मुफत खताद्यान्न वितरण योजनता है जिसके लताभताकथ्वयों के बरताबर की आबतादी दुनियता के गिने — चुने देशों की ही है ।
महात्ा गांिरी राष्टरीय ग्रामीण रोजगार गारंटरी योजना
( मनरेगा ) केद्रि सरकतार द्वारता संचताकलत इस योजनता कता
अधिकतम लताभ अनुसूचितों और वंचित तबके के लोगों को ही मिल रहता है जो इसके सहतारे सम्मानजनक तरीके से रोजगतार प्रतापत कर रहे
twu 2022 9