उत्र प्रदेश में एटा , मैनपुररी , अलरीगंज , फर्रुखाबाद , कानपुर , इटा्वा , आगरा , फिरोजाबाद , मथुरा में बहेलिया-करबल , अनुसूचित जाति में आते हैं । जबकि अलरीगढ़ , हाथरस बुलंदशहर मेरठ , गाजियाबाद हापुड में अहेरिया जो कि बहेलिया करी उपजाति है जिनको किसरी भरी कैटेगररी में नहीं रखा गया है । जब कोई ल्वद्ाथटी फॉर्म भरता है तो सोचने पर मजबूर हो जाता है कि ्वह कौन सा कॉलम भरे । इन सभरी जिलों में अहेरिया समाज करी जनसंखरा छह लाख के लगभग होगरी । सभरी राजनरीलतक दल ्वोट बैंक करी तरह इसतेमाल करके दिलासा देतरी है कि आपके समाज को हम नरार दिला कर रहेंगे । परंतु 40 साल से यहरी सिलसिला चला आ रहा है । सरकाररी आतरी हैं-जातरी है । लेकिन हमें अभरी तक नरार नहीं मिला है । प्रश्न यह है कि जब हमारा समुदाय बहेलिया अनुसूचित जाति में आता है तो अहेरिया समाज अनुसूचित जाति में करों नहीं है ?
आर्थिक दृसषट से देखा जाए तो यह समाज सबसे गररीब है । जरादातर लोग गां्वों के बाहर जाकर मजदूररी करते हैं । बच्चों को सामानर ्वग्य में पढ़ना पड़ता है । आर्थिक ससथलत सहरी ना होने के कारण बच्चे आगे पढ़ाई नहीं कर पाते हैं । यदि इनको इनका हक नहीं मिला तो ये और पिछड़ जायेंगे । सभरी राजनरीलतक दल अपने स्वार्थ करी तरह उपयोग करते हैं । कई ्वर्ष से यहरी मसला चला आ रहा है । अभरी तक इनका संशोधन नहीं हुआ , आखिर कब तक इनको इस अतराचार करी मार झेलनरी पड़ेगरी ?
जब अहेरिया समाज को हरियाणा और राजधानरी दिल्ली में अनुसूचित जाति के अनतग्यत रखा गया है तो उत्र प्रदेश में ऐसा करों नहीं है ? अहेरिया जाति को कहीं अनुसूचित जाति में तो कहीं समानर ्वग्य मे रखा गया है , जो उचित नहीं प्रतरीत होता है । उत्र प्रदेश मे अहेरिया जाति का संशोधन होना चाहिए । अहेरिया जाति सभरी प्रदेशों में एक हरी ्वग्य में होनरी चाहिए । माननरीर मुखरमंत्री योगरी आदितरनाथ िरी से मेरा अनुरोध है कि अहेरिया समाज को नरार दिलाने करी कृपा करें ।
धनयिाद
जीतेनद्र कुमार रावल हाथरस ( उ . प्र ) twu 2021 Qd » f ° f AfaQû » f ³ f ´ fdÂfIYf 49