eMag_June2021_Dalit Andolan | Page 15

राजनयिकयों ने भी लिखा खुला पत् शिक्षाविदों के साथ हरी देश के पू्व्य
राजर में जाररी हिंसा पर चिंता वरकत करते हुए सौ से अधिक शिक्षाविदों ने लिखा राषट्रपति रामनाथ कोल्वद को पत् लिखकर ठोस कदम उठाने का अनुरोध किया है । शिक्षाविदों ने अपने पत् में हिंसा का शिकार हो रहे दलित और ्वन्वासरी ्वग्य करी जनता सुरक्ा के लिए ततकाल हसतक्ेप करने करी मांग करी गररी है ।
दिल्ली ल्वसश्वद्ालय के प्रोफ़ेसर सुरेश कुमार के नेतृत्व में शिक्षाविदों द्ारा लिखे गए पत् में राषट्रपति कोल्वद को बताया गया है कि पसशचम बंगाल ल्वधानसभा चुना्व के परिणाम घोषित होने के बाद तृणमूल कांग्ेस के कार्यकर्ताओं ने राजर पुलिस के सहयोग से दलित और ्वन्वासरी ( एससरी / एसटरी समुदाय ) को लगातार निशाना बनाया गया । उनकरी हतरा , लूटपाट , बलातकार और भूमि क्िा करने के लिए हिंसा फैलाई गररी । परिणामस्वरूप 11,000 से अधिक लोग , जिनमें से अधिकांश दलित और ्वन्वासरी ्वग्य के हैं , बेघर हो गए हैं । हिंसा करी 1627 घटनाओं में और 40,000 से अधिक लोग क्रूर हमलों का शिकार बने । राजर में पांच हजार से अधिक घरों को ध्वसत किया गया । दलित और ्वन्वासरी ्वग्य करी 142 महिलाओं के साथ अमान्वरीर अतराचार होने के साथ हरी हिंसा में 26 लोगों करी मौत हुई है । दलित और ्वन्वासरी ्वग्य के लोगों के घरों-छोटरी दुकानों को ध्वसत करके जला दिया गया । उनहें फिर से अपने घरों में नहीं आने करी धमकरी दरी गई ।
पत् में बताया गया कि राजर में प्रायोजित हिंसा में जान बचाने के लिए के दो हजार से अधिक लोग भाग कर असम , ओडिशा और झारखंड में शरणाथटी बन कर रह रहे हैं । दलित और ्वन्वासरी ्वग्य के लोगों को हिंसा का सामना करना पड़ा है और उनहें अपने घरों के पुनर्निर्माण में सक्म होने और उचित सुरक्ा और चिकितसा और अनर सुल्वधाओं के आश्वासन करी आ्वशरकता है । हम आपसे राजर में ततकाल हसतक्ेप करने और दलित-्वन्वासरी ्वग्य करी जनता को हिंसा से बचाने और सामाजिक सुरक्ा प्रदान करने का आग्ह करते हैं ।

राजनयिकयों ने भी लिखा खुला पत् शिक्षाविदों के साथ हरी देश के पू्व्य

राजनयिकों ने एक खुला पत् लिखकर कोरोना महामाररी के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदरी करी ल्वदेश नरीलत करी आलोचना पर अपना रोष जताया है । पू्व्य राजनयिकों ने चिंता जताते हुए कहा है कि राष्ट्रीय ए्वं अंतर्राष्ट्रीय सतर पर कोरोना प्रबंधन को लेकर जिस तरह से वरसकतगत आलोचना करी मुहिम चलाररी जा रहरी है , उससे ऐसा प्रतरीत होता है कि यह सब सुनियोजित साजिश के तहत किया जा रहा है । पू्व्य राजनयिक सरी . एम . भंडाररी , पिनाक रंजन चक्रवर्ती , सतरीश चंद्रा , शरामला बरी कौशिक , निरंजन देशाई , गौररीशंकर गु्ता , ओ . परी . गु्ता , परी . के . कपूर , दिनेश जैन सहित 33 पू्व्य राजनियकों द्ारा लिखे गए पत् में कहा गया है कि यह बहुत दुर्भागरपूर्ण है कि जब देश कोरोना महामाररी करी दूसररी लहर से निपट रहा है और ऐसे में जब एकजुटता दिखाने करी जरुरत है , उस समय केंद्र सरकार करी आलोचना करी जा रहरी है । चिंता का ल्वरर यह है कि सरकार करी आलोचना करने ्वाले उस ल्वदेशरी लॉबरी के साथ खड़े हैं , जो परंपरागत रूप से भारत ल्वरोधरी के रूप में पहचाने जाते हैं । राष्ट्रीय
और अंतर्राष्ट्रीय समाचारपत्ों में भारतरीर द्ारा लिखे जा रहे लेखों में सत्ाधाररी पाटटी ए्वं प्रधानमंत्री मोदरी के प्रति वरसकतगत रूप से शत्ुता देखने को मिल रहरी हैं ।
पत् में स्वतंत्ता के बाद से लेकर पू्व्य प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह करी ल्वदेश नरीलत का जिक्र करते हुए कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदरी ने उस नरीलत से कोई छेड़छाड़ नहीं करी , बसलक उसे और अधिक मजबूतरी प्रदान करी है । रूस , अमेरिका , लब्टेन , जापान , यूरोपरीर संघ ए्वं खाड़री देशों से मजबूत होते रिशते , पाकिसतान- चरीन के साथ तना्वपूर्ण संबंधों के अला्वा प्रधानमंत्री मोदरी के 60 से अधिक देशों में किये गए 109 ल्वदेशरी दौरों का जिक्र करते हुए पत् में कहा गया है कि पू्व्य्वतटी सरकारों करी अपेक्ा मोदरी सरकार ने पडोशरी देशों को प्राथमिकता देकर ल्वदेश नरीलत को और मजबूत करने का कार्य किया गया है । प्रधानमंत्री मोदरी के नेतृत्व में भारत करी अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर मौजूदगरी बेहतर हुई है । ऐसे में यह चिंता का ल्वरर है कि मोदरी सरकार करी आलोचना में वरसकतगत शत्ुता को सथान दिया जा रहा है । पत् में कहा गया है कि सरकार किसरी करी भरी हो , लेकिन देश करी छल्व को नुकसान पहुंचाने ्वाले बाह्य शत्ुओं को कोई मौका नहीं दिया जाना चाहिए , यह राषट्र के लिए घातक होगा । �
twu 2021 Qd » f ° f AfaQû » f ³ f ´ fdÂfIYf 15