करने के तै्याि रहतया है । उसकधी इसधी भयावनया को लम्टयाने के लिए वेद मनत्ों के भ्रयामक अर्थ किये गए । वेदों में मनुष् से लेकर हर प्रयालणमात्र को लमत् के रूप में देखने कया सनदेश मिलतया है । इस महयान सनदेश के विपिधीत वेदों में पशु्बलि , मयांसयाहयाि आदि ज्बिदस्ती शोध के नयाम पर प्रियारित किये गए । इस प्रियाि कया नतधीजया यह हुआ कि अनेक भयाितधी् आज गो के प्रति ऐसधी भयावनया नहीं रखते जैसधी पहले उनके पूर्वज रखते थे । दलितों के मन में भधी यह जहर घोलया ग्या । पुरुष सूकत को लेकर भधी इसधी प्रकयाि से वेदों को जयालतवयादधी घोषित लक्या ग्या । जिससे दलितों को यह प्रतधीत हो कधी वेदों में शुद्र को नधीिया लदिया्या ग्या है । इसधी वेदों के प्रति अनयास्था को ्बियाने के लिए वेदों के उल्ट़े सधीधे अर्थ निकयाले गए । जिससे वेद धर्मग्ं् न होकर जयादू-्टोने कधी पुसतक , अनधलवश्वास को ्बियावया देने वयालधी पुसतक लगे । यह स्ब योजनया्बद्ध रूप
में लक्या ग्या । इसधी सम्बनध में वेदों में आर्य- द्रविड़ युद्ध कधी कलपनया किधी गई जिससे यह सिद्ध हो कधी आर्य लोग विदेशधी थे ।
बौधि मत को बढ़ावा
वेदों के विषय में भ्रान्ति फैलयाने के पश्चात ईसयाईयों ने सोिया कि दलित समयाज से वेदों को तो छधीनकर उनके हया्ों में ्बयाइल्बल पकडयानया इतनया सरल नहीं है । उनकधी इस मयान्तया कया आधयाि उनके पिछले 400 वषगों के इस देश में अनुभव ्या । इसलिए उनहोंने इतिहयास के पुियाने पयाठ को समिण लक्या । 1200 वषगों में इस्लामिक आक्रयानतों के समक्ष धर्म परिवर्तन हिनदू समयाज में उतनया नहीं हुआ जितनया ्बौद्ध मतयावलधी में हुआ । अफगयालनस्तान , पयालकस्तान , ्बयांग्लादेश इंडोनेलश्या , जयावया , सुमयात्रा तक फैलया ्बुद्ध मत तेजधी से लोप होकर इस्लाम में परिवर्तित हो ग्या । ज्बलक इस्लाम कधी चो्ट से ्बुद्ध मत भयाित भूमि से भधी लोप हुआ , मगर हिनदू धर्म ्बलिदयान देकर , अपमयान सहकर किसधी प्रकयाि से अपने आपको सुरक्षित ििया । ईसयाई मिशनिधी ने इस इतिहयास से यह निषकष्म निकयालया कि दलितों को पहले ्बुद्ध ्बनया्या जया्े और फिर ईसयाई ्बनयानया उनके लिए सरल होगया । इसधी कडधी में डॉ अम्बेडकर द्यािया ्बौद्ध धर्म ग्हण करनया ईसयाईयों के लिए वरदयान सिद्ध हुआ । डॉ अम्बेडकर के नयाम के प्रभयाव से दलितों को ्बुद्ध ्बनयाने कया कया््म आज ईसयाई करते है । इस कया््म को सरल ्बनयाने के लिए विदेशधी लवसशवद्यालयों में महयात्मा ्बुद्ध और ्बुद्ध मत पर अनेक पधीठ स्थापित किये गए । यह लदियाने कया प्र्यास लक्या ग्या कि भयाित कया गौरवशयालधी इतिहयास महयात्मा ्बुद्ध से आरमभ होतया है । उससे पहले भयाितधी् जंगलधी , असभ् और ्ब्ब्मि थे । पतंजलि योग के स्थान पर ्बुद्धिस्ट ध्यान अ्या्मत विपश्नया को प्रचलित लक्या ग्या । कुल मिलयाकर ईसयाई मिशनरियों कया यह प्र्यास दलितों को महयात्मा ्बुद्ध के खूं्ट़े से ्बयांधने कया ्या ।
सम्ाट अशोक को बढ़ावा
इस चरण में ईसयाई मिशनरियों द्यािया श्री ियाम
चंद्र के स्थान पर सम्या्ट अशोक को ्बियावया लद्या ग्या । ियाजया अशोक को मौ्या्म वश कया सिद्ध कर दलितों कया ियाजया प्रदर्शित लक्या ग्या और ियाजया ियाम को आ्गों कया ियाजया प्रदर्शित लक्या ग्या । इस प्र्यास कया उद्ेश् श्री ियाम आ्गों के विदेशधी ियाजया थे और अशोक मूलनिवयालस्ों के ियाजया ्या । ऐसया भ्रयामक प्रियाि लक्या ग्या । इस प्रकयाि कया मुख् लक्् श्री ियाम से दलितों को दूर कर सम्या्ट अशोक के खूं्ट़े से जोड़नया ्या । इस कया््म के लिए अशोक द्यािया कलिंग युद्ध के पश्चात ्बुद्ध मत स्वीकयाि करने को इतिहयास ्बडधी घ्टनया के रूप में लदियानया ्या । अशोक को महयान समयाज सुधयािक , जनतया कया सेवक , कल्याणकयािधी प्रदर्शित लक्या ग्या । कुएं ्बनवयानया , अतिथिशयालया ्बनवयानया , सड़कें ्बनवयानया , रुग्णालय ्बनवयानया जैसधी ्बयातों को अशोक ियाज में महयान कया््म ्बतया्या ग्या । ज्बलक इससे ्बहुत कयाल पहले ियाम ियाज् के सदियों पुियाने न्यायप्रिय एवं चिरकयाल से समिण किये जया रहे उच्च शयासन कधी कसौ्टधी को भुलयाने कया प्र्यास लक्या ग्या । यह ्बहुत ्बडया छल ्या । ज्बलक अशोक ियाज के इस तथ् को छुपया्या ग्या कि अशोक ने ियाज सेनया को भंग करके सभधी सैनिकों को ्बौद्ध भिक्षुक ्बनया लद्या ग्या और ियाजकोष को ्बौद्ध विहयाि ्बनयाने के लिए ियालधी कर लद्या ्या । अशोक कधी इस सनक से तंग आकर मंलत्मंडल ने अशोक को ियाजगद्दी से ह्टया लद्या ्या और अशोक के पौत् को ियाजया ्बनया लद्या ्या । अशोक के छदम अहिंसयावयाद के कयािण संसयाि कया स्बसे शसकतशयालधी ियाज् मगध कयालयांतर में कलिंग के ियाजया ियािवेलया से हयाि ग्या ्या । यह ्या क्षलत््ों के हल््याि छधीनकर उनहें ्बुद्ध ्बनयाने कया नतधीजया । इस प्रकयाि से ईसयाईयों ने श्धीियाम कधी महिमया को द्बयाने के लिए अशोक को िडया लक्या ।
आययों को क्विेशी बनाना
यह चरण सफ़ेद झूठ पर आधयारित ्या । पहले आ्गों को विदेशधी और स्थानधी् मूल निवयालस्ों को सवदेशधी प्रियारित लक्या ग्या । फिर यह कहया ग्या कि विदेशधी आ्गों ने मूलनिवयालस्ों को युद्ध में पियासत कर उनहें उत्ि से दक्षिण भयाित में भगया
twu 2023 19