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डॉ अम्बेडकर कया लवियाि है कि ियाषट् एक जधीवमयान संज्ञा है और सैकड़ों वर्ष के सतत परिश्म से सव्ंभू प्रक्ट होतया है । वह कहते हैं कि राष्ट्रीयतया एक सयामयालजक चेतनया है । एकतया के संयुकत भयावों कया आभयास हधी राष्ट्रीयतया है , जिससे व्सकत एक-दूसरे को अपनया सगया-सम्बन्धी समझने लगतया है । इस राष्ट्रीय भयावनया के दो आ्याम है । एक ओर तो यह अपनों में एकतया ओर अपनेपन कया भयाव लयातधी है , वहीं दूसिधी ओर जो अपने सगे नहीं है , उनके प्रति विरोध भधी प्रक्ट करतधी है । यह भयावनया आर्थिक एवं सयामयालजक ऊंच-नधीि कधी सभधी ियाइयों को समयापत कर देतधी है । यहधी राष्ट्रीयतया त्या राष्ट्रीय भयावनयाओं कया निचोड़ है ।
राष्ट्र की शक्ति तथा समृद्धि का आधार क्ा है ?
ज्ब इसकधी ििया्म चल रहधी है तो हम लवियाि करें कि ियाषट् कधी वयासतलवक शसकत कहयां रहतधी है ? महयान इतिहयासकयाि लेकधी के उदयाहरण द्यािया वह अपनधी ्बयात को सपष्ट करने कया प्रयत्न करते हुए डॉ अम्बेडकर कहते हैं कि एक ियाषट् कधी शसकत ओर समपृलद्ध कधी नींव के आधयाि है-विशुद्ध घरेलू जधीवन , व्यापयाि में ईमयानदयािधी , नैतिकतया त्या लोकहित के उच्च सति , सयादया जधीवन , सयाहस , सच्चयाई त्या निर्णय में तर्क ओर उदयाितया कया लनसशित पु्ट , जिसमें चरित् त्या ्बौद्धिक प्रतिभया कया समयान योगदयान हो । यदि आप किसधी ियाषट् के भविष् के लिए एक ्बुद्धिमत्ता पूर्ण निर्णय करते हैं तो ध्यान से यह देखिए कि इन गुणों कया उतकष्म हो रहया है ्या अपकर्ष ।
क्या चरित् कया महतव ्बि रहया है ्या घ्ट रहया है ? जो लोग ियाषट् में सववोच्च पद पर आसधीन है , क्या वह उन लोगों में से हैं , जिनकया नयाम निजधी जधीवन में पया्टती कया लिहयाज किये ल्बनया सक्षम , पयाििधी लोग सच्चधी श्रद्धा के सया् लेते हैं ? क्या वह सच्चे विश्वास वयाले , सुसंगत छवि वयाले त्या निर्विवयाद सत्लनष्ठा वयाले व्सकत हैं ? केवल इस धयािया को देखकर हधी आप किसधी ियाषट् कधी जनमपत्री तै्याि कर सकते हैं ।
प्रकृ क्त और संस्क ृति ने बनाया है भारत को एक राष्ट्र
डॉ अम्बेडकर ने समपूण्म भयाित वर्ष को एक ियाषट् के रूप में स्वीकयाि लक्या ्या । उनकया मयाननया ्या कि इस ियाषट् कधी निर्मिति कोई सौ-दो सौ वर्ष में नहीं हो ग्धी है । इसको प्रकृति , समयाज एवं उसकधी संसकृलत ने एक ियाषट् के अखंड सवरूप के सया् निर्मित लक्या है । देश कधी एकतया और अखंडतया इस ियाषट् कधी स्वाभयालवक प्रकृति है । इस
देश कधी एकतया कया आधयाि प्रयाकृतिक एवं सयांसकृलतक दोनों है । वह लिखते हैं कि इस मौलिक तथ् को भूलनया नहीं ियालहए कि प्रकृति ने भयाित को एकलत्त भौगोलिक ईकयाई के रूप में निर्मित लक्या है । इसकधी एकतया उतनधी हधी प्रयािधीन है , जितनधी प्रयािधीन प्रकृति है । इस भौगोलिक एकतया के अंतर्गत अति प्रयािधीन समय से यह सयांसकृलतक एकतया रहधी है । इस सयांसकृलतक एकतया ने ियाजनधीलतक त्या जयातधी् विभयाजन कया सदैव विरोध लक्या है । किसधी भधी मूल् पर यह कहया जया सकतया है कि विगत 150 वषगों से सभधी सयांसकृलतक , ियाजनधीलतक , आर्थिक , वैधयालनक त्या प्रशयासनिक संस्थाएं एक हधी समयान उदगम स्ल से कया््म कर रहधी हैं । पयालकस्तान से सम्बंधित किसधी भधी विवयाद पर लवियाि करते समय यह तथ् आंखों से ओझल नहीं होनया ियालहए कि किसधी भधी ्बयात कया प्रयािंभिक ल्बंदु भले हधी वह लनणया्म्क न भधी हो , भयाित कधी मौलिक एकतया हधी है । त्ब यह एकतया छिन्न-भिन्न
कधी जयाए ? क्या केवल इसधीलिए कि कुछ मुसलमयान असंतुष्ट है ? इसके ्टुकड़े क्ों करते हो , ज्बलक ऐतिहयालसक समय से यह एक समूर्ण ईकयाई है ।
भयाित कधी एकतया ्बहुत प्रयािधीन है । जयानकयािधी के आभयाव में आज कुछ लोग कहते हैं कि भयाित वर्ष के अंदर जो एकतया है , उसकया श्े् अंग्ेजों को है । वह यह नहीं जयानते कि अंग्ेजों के इस देश में आने के सैकड़ों वर्ष पूर्व भधी यह एक ियाषट् ्या । डॉ अम्बेडकर उस सस्लत कया वर्णन करते हैं कि यह देश हजयािों वर्ष से अपनधी सयांसकृलतक समरसतया एवं विशिषठतया के कयािण हधी संगठित है । यह संकलन सयांसकृलतक रूप से अत्ंत गुं्या हुआ है । इसधी आधयाि पर मेिया कहनया है कि इस प्रया्द्वीप को छोड़कर संसयाि कया कोई भधी देश ऐसया नहीं है , जिसमें इतनधी सयांसकृलतक समरसतया हो । हम केवल भौगोलिक दपृसष्ट से सुगठित नहीं है , बल्कि हमयािधी सुलनसशित सयांसकृलतक एकतया भधी अलवसचछन्न और अ्टू्ट है जो पूरे देश में ियािों दिशयाओं में व्यापत है ।
वृहत्तर भारत : एक तथ्य
डॉ अम्बेडकर ने यह प्रतिपयालदत लक्या है कि आज कया वमया्म त्या अफगयालनस्तान वपृहत्ि भयाित के भयाग हधी थे । इस सभधी के अंदर एक मौलिक एकतया भधी ्धी । वह लिखते हैं कि भयाित वर्ष कधी एकतया एक ऐतिहयालसक तथ् है । िनद्रगुपत के शयासन के समय भधी वह प्रदेश , जिनको आज पयालकस्तान के लनमया्मण के लिए मयांगया जया रहया है , भयाित के अंग थे । ईसया कधी सयातवीं शतयाब्दी में ज्ब ह्ेनसयांग अपनधी िया्िधी में लिखतया है कि उस समय भयाित को पयांच भयागों में विभयालजत लक्या ग्या ्या , जिसमें उत्तरी भयाित , दक्षिणधी भयाित , पूवती भयाित , पसशिमधी भयाित त्या मध् भयाित । इन पयांच भयागों में 80 रि्यासतें ्धी ।
डॉ अम्बेडकर कहते हैं कि भयाित कधी सधीमयाएं अफगयालनस्तान के प्रदेशों को अपने अंदर शयालमल किये हुए ्धी त्या अफगयालनस्तान भयाित कया हधी एक अंग ्या । अफगयालनस्तान के ियाजया हिनदू क्षलत्् थे । ्बया्बया सयाह्ब ने ललिया है कि कश्मीर , पंजया्ब , पहयाडधी प्रदेश , उत्तरी अफगयालनस्तान , जो
10 twu 2023