eMag_June 2023_DA | Page 11

कि सिंधु नदधी के उस पयाि हैं , सतलुज के पयाि के प्रदेश भयाित के अंदर शयालमल थे और इस प्रकयाि उत्तरी भयाित के अंदर कया्बुल , जलयालया्बयाद , पेशयावर , गजनधी , ्बन्नू आदि सभधी क्षेत् हिनदू क्षलत्् ियाजया कपिशया के अधधीन थे और उसकधी ियाजधयानधी ििधीकर ्धी , जो कया्बुल से मात्र 27 मधील दूर ्धी । इसके अतिरिकत पंजया्ब के पहयाडधी इलयाके तक्षशिलया , सिंधपुर , उसया्म , पुंछ , ियाजौिधी आदि भधी उत्तरी भरतया में ससममलित थे । यह सभधी क्षेत् ियाजया कश्मीर के नियंत्ण में थे । मुल्तान , शेरको्ट को ससममलित करके समसत मैदयान , लयाहौर के समधीप स्ल तक , तकधी ्या सयांगलया के ियाजया के आधधीन ्या , ह्ेनसयांग कधी ्यात्रा के समय यहधी भयाित के सधीमयाएं थीं ।
अफगाद्नस्ान बौधि था या वैदिक
डॉ अम्बेडकर लिखते हैं कि मुसलमयानों के आक्रमण के पूर्व तक अफगयालनस्तान भयाित कया हधी अंग ्या और वहयां पर हिनदू ियाजया ियाज् करते थे । वह यह भधी मयानते हैं कि अफगयालनस्तान कधी जनतया ्या तो ्बौद्ध रहधी होगधी ्या वैदिक धर्म को मयानने वयालधी । इन सयािे लवियािों कया आधयाि वह ऐतिहयालसक प्रमयाण है , जो आज ह्ेनसयांग आदि यात्रियों कधी िया्रियों द्यािया उपलबध हो सकया है । वह लिखते हैं कि यह सत् है कि ज्ब ह्ेनसयांग भयाित आ्या , त्ब न केवल पंजया्ब हधी , बल्कि आज कया समपूण्म अफगयालनस्तान भधी भयाित कया हधी एक भयाग ्या । पंजया्ब और अफगयालनस्तान कधी जनतया ्या तो वैदिक धर्म को मयानने वयालधी थीं ्या ्बौद्ध ्धी । ह्ेनसयांग के ्बयाद भयाित कधी कहयानधी ्ब्ब्मि मुगलों , तुकगों , पठयानों द्यािया किये गए निरंतर आक्रमणों कधी दर्दनयाक कहयानधी ्बनकर रह ग्धी । एक के ्बयाद एक दूसिया मुसलमयान अपनधी सेनया लेकर भयाित पर आक्रमण करतया रहया ।
बर्मा भी था भारत का अंग
डॉ अम्बेडकर ियाषट् कधी सयांसकृलतक एकतया के समर्थक थे । सयांसकृलतक एकतया कधी तुलनया में ियाजनधीलतक ्या भौगोलिक एकतया कम महतव कधी ्बयात है । प्रमुख महतव कधी ्बयात यह है कि
उस क्षेत् कया दूसरे क्षेत् से सयांसकृलतक लगयाव कितनया है ? ्बमया्म देश एक लम्बे समय तक इस देश के सया् वैियारिक , सयांसकृलतक एवं प्रशयासनिक दपृसष्ट से जुडया रहया है । वयासतव में ्बमया्म कधी एकतया भयाित के सया् ्बडधी मौलिक है । इस विषय पर यह ्बतलयाते हुए कि सयांसकृलतक रूप से तो ्बमया्म और भयाित एक हधी थे , परनतु प्रशयासनिक दपृसष्ट से भधी ्बमया्म भयाित के सया् जुडया हुआ ्या । डॉ अम्बेडकर लिखते हैं कि अियाकयान और तेन्नयासयारिम 1826 कधी येंदया्बू कधी संधि के
द्यािया भयाित के सया् जोड़ दिए गए थे । पेगू त्या मत्म्बयान 1852 में जुड़े । प्रशयासनिक एकतया भयाित और ्बमया्म के मध् 1826 में संपन्न हो ग्धी । यह एकतया 110 वषगों तक चलधी । 1937 में ज्ब ्बमया्म को भयाित से अलग लक्या ग्या , त्ब किसधी ने आंसू नहीं ्बहया्या । भयाित और ्बमया्म कधी एकतया भधी कोई कम महतव कधी नहीं ्धी । अगर एकतया ्बनया्े रखनया है तो इसकया आधयाि आपसधी भयाईियािया कया भयाव हधी होनया ियालहए । वयासतव में हिनदुस्थान और पयालकस्तान कधी अपेक्षया हिनदुस्थान और ्बमया्म में अधिक आध्यासतमक एकतया है ।
हिन्दुओं के लिए अखंड भारत है एक राष्ट्र
डॉ अम्बेडकर समपूण्म देश के हिनदू जनमयानस कधी सोच को प्रक्ट करते हुए अपने लवियाि रखते हैं । वह लिखते हैं कि मुससलम पपृ्क ियाषट् है । इस लवियािधयािया कया हिनदुओं ने घोर विरोध लक्या ।
एंगलो इंडियंस के अनुसयाि भयाित एक ियाषट् नहीं है । परनतु इसके विपिधीत हिनदू देशभकत त्या ियाजनीतिज्ञ लगयातयाि इस ्बयात को दपृितयापूर्वक कहते आये हैं कि भयाित एक ियाषट् है ।
ियाषट् और राष्ट्रीयतया कया विशलेषण करते हुए डॉ अम्बेडकर कहते हैं कि प्रथम तो भयाित एक ियाषट् नहीं है , यह सुननया हिनदू के लिए शर्म कधी ्बयात है क्ोंकि ियाषट् और राष्ट्रीयतया विशव में विशेष गुण मयाने जयाते हैं और श्री एच जधी वेलस के शबदों में ल्बनया ियाषट् और राष्ट्रीयतया के वह देश उस व्सकत के सदपृश है जो भधीड में ल्बनया वसत् के नंगया है । दूसिया यह है कि स्वराज् प्राप्ति कया अधिकयाि ियाषट् को हधी है । इसलिए हिनदुओं ने भयाित को सदैव एक ियाषट् कधी संज्ञा दधी है । किसधी भधी भयाितधी् द्यािया हिनदू कधी उपर् युकत लवियािधयािया कया विरोध नहीं लक्या ग्या । यह विषय इतनया गंभधीि ्या कि भयाितधी् इतिहयास के महयान नेतयाओं ने इसके पक्ष में एक ्बहुत ्बडया सयालहत् प्रियािया््म ललिया ।
राष्ट्रीय द्नष्ा सववोच्च स्ान पर
डॉ अम्बेडकर कया कहनया ्या कि कोई भधी व्सकत अपने संप्रदया् , भयाषया , क्षेत् ्या जयालत को देश के ऊपर रखेगया तो यह ठधीक नहीं है । यह हमयािे लिए शर्म कधी ्बयात है । यह विकृत सोच कया परििया्क है । इससे देश के अंदर सच्चधी राष्ट्रीयतया कया विकयास नहीं होगया । ्बया्बया सयाह्ब कया मयाननया ्या कि हमयािधी राष्ट्रीयतया सपष्ट और निर्विवयाद होनधी ियालहए । किस भधी प्रकयाि कधी शर्त अथवया प्रया्लमकतयाओं से लघिधी-्बंधधी नहीं । ्बया्बया सयाह्ब ने इस सम्बनध में सपष्ट रूप से कहया कि मैं जनतया हूँ कि ऐसधी कुछ ्बयातें हैं जो हमयािधी भयाितधी्तया के प्रति एकनिष्ठा कधी प्राप्ति में ्बयाधया ्बनतधी है । मैं यह ल्बलकुल नहीं ियाहूँगया कि हमयािधी भयाितधी् निष्ठा को हमयािे हधी संप्रदया् , भयाषया अथवया संसकृलत कधी निष्ठाएं प्रतिसपधती भयाव से लेशमात्र भधी क्षति पहुंियाए । मैं ियाहतया हूँ कि भयाित के सभधी लोग ऐसधी सभधी ्बयातों से ऊपर उठयाकर अपने आप को भयाितधी् और केवल भयाितधी् हधी समझे । यदि किसधी कयािण से ऐसया नहीं हो पतया है तो हम यह स्बसे ्बडया पयाप कर ्बैठेंगे और मैं हमेशया अपने सयामथ््म के सया् इसकया विरोध करतया रहूँगया । �
twu 2023 11