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42 वरषों से उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद पर दद्लि नेता की नियुक्ति नहीं
मरसता के मूल मंत्र के अनुरूप
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निर्णय लेने का दावा करने वालरी
भाजपा के पास दलित वर्ग के नेताओं का शायद अकाल है । अगर ऐसा नहीं होता तो उत्र प्रदेश भाजपा को पिछले 42 वर्ष से अधरक्ष पद के लिए दलित वर्ग के नेता का इतंजार नहीं करना पड़ रहा होता । जानकार आशचर्य भरी होगा , हैरत भरी होगरी और भाजपा के
शरीि्य नेताओं के बयानों करी सतरिा भरी जमरीनरी ्िर पर सामने आ जाएगरी ।
विशि करी सबसे बडरी पाटटी बन चुकरी भाजपा का जनम 6 अप्रैल 1980 को हुआ था । उससे पहले भाजपा को राष्ट्ररीय जनसंघ के रूप में जाना जाता था । राष्ट्ररीय जनसंघ करी ्थापना 1951 में डॉ . शरामाप्रसाद मुखजटी ने कांग्ेस करी तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राजनरीति के विरोध और देश करी जनता में राष्ट्रवाद करी अलख जगाने के उद्ेशर से करी थरीI राष्ट्ररीय जनसंघ करी ्थापना का उद्ेशर भारत करी हिनदू सां्कृतिक पहचान को संरक्षित करना और कांग्ेस करी मुस्लम तुष्टरीकरण करी राजनरीति पर अंकुश लगाना था । दरीनदयाल उपाधरार , अटल बिहाररी बाजपेररी , लालकृष्ण आडवाणरी सररीखे नेताओं के नेतृति में 1951 से लेकर 1980 के मधर राष्ट्ररीय
जनसंघ ने कई राजनरीतिक उतर-चढ़ाव देखे और फिर 6 अप्रैल 1980 में भाजपा का जनम हुआ ।
राष्ट्ररीय ्िर पर भाजपा ने जिस तरह से अपना राजनरीतिक मार्ग तय किया , वह देश करी जनता ने भलरीभांति देखा , लेकिन उत्र प्रदेश में 1980 से लेकर 2022 तक पाटटी का शरीि्य नेतृति दलित वर्ग का एक भरी ऐसा नेता नहीं ढूंढ पाया , जिसे पाटटी अधरक्ष के पद का दायिति मिलता । पाटटी करी ्थापना के साथ उत्र प्रदेश भाजपा के पहले अधरक्ष के रूप में माधव प्रसाद त्रिपाठरी को नियु्ि किया गया । उनका कार्यकाल चार वर्ष तक रहा । उसके बाद क्राण सिंह छह वर्ष तक , कलराज मिश्ा छह वर्ष तक , राजनाथ सिंह दो वर्ष 284 दिन तक , ओम प्रकाश सिंह 227 दिन तक , एक बार फिर
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