कलराज मिश्ा एक वर्ष 311 दिन तक , विनय कटियार दो वर्ष 24 दिन तक , केशररी नाथ त्रिपाठरी िरीन वर्ष 47 दिन तक , रमापति राम त्रिपाठरी दो वर्ष 251 दिन तक , सूर्य प्रताप शाहरी एक वर्ष 337 दिन तक , लक्मरीकांत बाजपेई िरीन वर्ष 361 दिन तक , केशव प्रसाद मौर्या एक वर्ष 145 दिन तक , महेंद् नाथ पांड़ेर एक वर्ष 319 दिन तक और फिर ्ििंत्र देव सिंह दो वर्ष 359 दिन तक प्रदेश भाजपा के अधरक्ष पद को संभालते रहे ।
जाति-वर्ग में बंटरी उत्र प्रदेश करी राजनरीति के आधार पर अगर मू्रांकन किया जाए तो पिछले 1980 से लेकर अब तक प्रदेश भाजपा अधरक्ष पद पर ब्राह्मण , छत्रिय और पिछड़ा वर्ग से जुड़े नेताओं को हरी नियु्ि किया जाता रहा । ऐसे में प्रश्न यह भरी सामने आता है कि ्रा इतनरी लम्बी अवधि के दौरान भाजपा के शरीि्य नेतृति को दलित वर्ग से जुड़ा एक भरी ऐसा नेता नहीं मिला , जिसकरी नियुक्ि प्रदेश अधरक्ष पद के लिए केंद्रीय ्िर पर अनुमोदित करी जािरी ? आखिर वह कौन और ्रा कारण रहे , जिनकरी वजह से पाटटी ने दलित वर्ग के नेता करी नियुक्ि प्रदेश अधरक्ष पद के लिए नहीं करी ? ऐसे कई प्रश्नों के उत्र भाजपा के दिल्ली स्थति केंद्रीय कार्यालय में बैठ़े तमाम प्रि्िा और वरिष्ठ नेता देने में असमर्थ हरी दिखाई देते हैं ।
42 वर्ष करी लम्बी अवधि के दौरान संघ प्रिय गौतम , रामनाथ कोविंद , डॉ विजय सोनकर शास्त्री , रमापति शास्त्री , श्रीराम चौहान , चौधररी चुन्नरी लाल , भानु प्रताप वर्मा , विद्यासागर सोनकर , अशोक प्रधान , श्रीमिरी कृष्णा राज जैसे पाटटी के लिए समर्पित दलित वर्ग के कई नेता सामने आये , जो राष्ट्ररीय ्िरं सेवक संघ करी पृष्ठभूमि से जुड़े होने के साथ हरी सेवाभाव को लेकर राजनरीति में आये । दलित वर्ग के इन नेताओं में श्री रामनाथ कोविंद को देश कर राष्ट्रपति बनने का अवसर तो मिला , लेकिन प्रदेश भाजपा अधरक्ष पद के लिए उनकरी भरी अनदेखरी करी गररी ।
एक तरह भाजपा के बड़े-बड़े नेता दलित वर्ग को जोड़ने लिए भोज और उनके घर में
भोजन करने के फोटो सोशल मरीतडरा में डाल कर समरसता मंत्र के सूत्र जपते हुए दिखाई देते हैं , तो दूसररी तरफ सामाजिक नरार पखवाड़े सहित अनर कई कार्यरिमों के माधरम से दलित वर्ग को राजनरीतिक रूप से साधने करी चेष्टा करी जािरी है । लेकिन उत्र प्रदेश में रर्ि पड़े प्रदेश अधरक्ष पद के लिए दलित वर्ग के नेता करी तलाश में पाटटी नेतृति पूररी तरफ असफल दिखाई देता है । उत्र प्रदेश भाजपा के निवर्तमान अधरक्ष ्ििंत्र देव सिंह पाटटी अधरक्ष पद का कार्यकाल समापि हो चुका है । उनके ्थान पर पाटटी अधरक्ष का कार्यभार संगठन करी कमान संभाल रहे सुनरील बंसल के पास है । प्रदेश पाटटी अधरक्ष के लिए गत दो माह से विचार-विमर्श भरी किया जा रहा है । वर्तमान में प्रदेश का मुखरमंत्ररी पद छत्रिय वर्ग से जुड़े योगरी आदितरनाथ के पास है , तो उपमुखरमंत्ररी पद ब्राह्मण वर्ग से जुड़े ब्रजेश पाठक और पिछड़ा वर्ग से जुड़े केशव चंद् मौर्य संभाल रहे हैं । लेकिन दलित वर्ग का कोई भरी नेता शरीि्य पद पर नहीं है ।
उत्र प्रदेश में दलित वर्ग का मतदाता पहले कांग्ेस के खेमे में तो बाद में बसपा के खेमे के साथ जुड़ा रहा , जिसके कारण मायाििरी को चार बार मुखरमंत्ररी बनने का मौका मिला । लेकिन 2014 में प्रधानमंत्ररी नरेंद् मोदरी ने जब केंद्रीय राजनरीति को एक नया मोड़ दिया । उनकरी वा्ितिक हितकारक योजनाओं के जमरीनरी तरियानिरन से प्रदेश का दलित मतदाता भाजपा के साथ जुड़ने लगा । 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 एवं 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को प्रापि हुई विजय में दलित मतदाओं करी अपनरी अहम् भूमिका रहरी । इसके बावजूद
पाटटी के प्रदेश अधरक्ष पद के लिए किसरी दलित नेता को सामने रखने में पाटटी नेतृति फ़िलहाल असमंजस करी स्थति में फंसा हुआ है । एक बार पुनः प्रदेश अधरक्ष करी नियुक्ि होने करी तैयाररी जोरों पर है । ्रा अबकरी बार मौका मिलेगा ? इस पर संदेह है ्रोंकि प्रदेश अधरक्ष पद के लिए जिन नेताओं के नाम सामने आ रहे हैं , उनमें से कोई भरी दलित वर्ग का नहीं हैं ।
भाजपा के सामने 2024 के लोकसभा चुनाव करी चुनौिरी सामने है । प्रदेश के राजनरीति में दलित वर्ग के मतदाता कई सरीटों पर हार- जरीि का फैसला करते हैं । भाजपा से जुड़े दलित वर्ग के मतदाताओं को अपनरी और खींचने के लिए कांग्ेस , बसपा , सपा सहित कई छोट़े राजनरीतिक दलों के साथ मुस्लम राजनेता एकजुट होकर प्रयास कर रहे हैं । ऐसे में भाजपा के सामने सबसे बडरी सम्रा दलित वर्ग के जनाधार को बचाने करी है । मुखरमंत्ररी योगरी आदितरनाथ दावा कर रहे हैं कि आगामरी लोकसभा चुनाव में पाटटी प्रदेश करी सभरी 80 सरीटों पर विजय हासिल करेगरी , लेकिन दलित वर्ग का मतदाता अगर विरोधियों करी कुटिल राजनरीतिक चालों और छलावों में फंसकर भाजपा से दूररी बनाने में जुट गया तो 80 सरीट हासिल करने का ्िप्न सिर्फ दिवा्िप्न हरी सिद्ध होगा । आवशरकता तो यह है कि भाजपा शरीि्य नेतृति को गत 42 ििषों के दौरान हुई गलतियों का मू्रांकन करते हुए दलित वर्ग के किसरी वरिष्ठ नेता को प्रदेश अधरक्ष पद पर नियु्ि करने के लिए कदम उठाना हरी चाहिए , जिससे दलित वर्ग करी जनता के संभावित ध्रुवीकरण को रोका जा सके । �
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