करी ओर से राष्ट्रपति उम्मीदवार द्ौपदरी मुर्मू ओडिशा करी रहने वालरी आदिवासरी नेता हैं । वो झारखंड करी राजरपाल भरी रहरी हैं । मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर से विधायक रह चुकरी हैं । वो पहलरी ओडिशा करी नेता रहरी हैं जिनहें गवर्नर बनाया गया था । बरीजेपरी ने द्ौपदरी मुर्मू को राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाकर आदिवासरी समाज को बडा संदेश दिया है । मधर प्रदेश , गुजरात , राज्थान और छत्तीसगढ़ में काफरी संखरा में आदिवासरी वोटर हैं । गुजरात में इसरी साल तो बाकरी िरीन राजरों में अगले साल चुनाव होने हैं ऐसे में आदिवासरी समाज से उम्मीदवार बनाने का एनडरीए को फायदा मिल सकता है ।
पहले भी आदिवासी नेता लड चुके हैं राष्ट्रपति चुनाव
साल 2012 में परीए संगमा ने भरी राष्ट्रपति का चुनाव लडा था । परीए संगमा गारो जनजाति समाज से आते थे । हालांकि 2016 में हरी उनका निधन हो गया । उनहोंने यूपरीए उम्मीदवार प्रणब मुखजटी के खिलाफ राष्ट्रपति का चुनाव लडा था लेकिन वो जरीि नहीं पाए थे । यूपरीए उम्मीदवार प्रणब मुखजटी 7,13,763 ( 69 फरीसदरी ) वोट मू्र के साथ बरीजेपरी के परीए संगमा को पछाडिे हुए भारत के राष्ट्रपति बने थे । संगमा को
पीए संगमा : जुझारू व्यबक्तत्
पूणषों ऐजिटॉक संगमा मेघालय के मुखरमंत्ररी , राष्ट्रवादरी कांग्ेस पाटटी के सह-सं्थापक और लोकसभा अधरक्ष के अलावा आठ बार लोकसभा-सद्र रह चुके थे । उनहें मरणोपरांत वर्ष 2017 में भारत सरकार द्ारा पद्म विभूषण प्रदान किया गया । वे मेघालय से पद्म विभूषण के पहले प्रापिकर्ता है । परी ए संगमा का जनम 1 सितंबर 1947 को पकशचम गारो तह्स , मेघालय के चपाथरी ग्ाम में हुआ था । शिलांग से स्ािक करी डिग्री प्रापि करने के बाद परी . ए . संगमा ने असम के डिब्रूगढ़ विशितिद्यालय से अंतर्राष्ट्ररीय संबंध में स्ािकोत्र करी उपाधि प्रापि करी । इसके बाद उनहोंने एल . एल . बरी . करी पररीक्षा भरी उत्तीर्ण करी । वर्ष 1973 में परी . ए . संगमा प्रदेश युवा कांग्ेस समिति के अधरक्ष निर्वाचित हुए । कुछ हरी समय बाद वह इस समिति के महासचिव नियु्ि हुए । वर्ष 1975 से 1980 तक परी . ए . संगमा प्रदेश कांग्ेस समिति के महासचिव रहे । वर्ष 1977 के लोकसभा चुनावों में परी . ए . संगमा तुरा निर्वाचन क्षेत्र से जरीि दर्ज करने के बाद पहलरी बार सांसद बने । चौदहवीं लोकसभा चुनावों तक वह इस पद पर लगातार जरीििे रहे । हालांकि नौवीं लोकसभा में वह जरीि दर्ज करने में असफल रहे थे । वर्ष 1980-1988 तक परी . ए . संगमा केनद्रीय सरकार के अंतर्गत विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे । वर्ष 1988-1991 तक वे मेघालय के मुखरमंत्ररी भरी रहे । वर्ष 1999 में कांग्ेस से निष्कासित होने के बाद शरद पवार और तारिक अनवर के साथ मिलकर परी . ए . संगमा ने नेशनल कांग्ेस पाटटी करी ्थापना करी । शरद पवार के भारिरीर राष्ट्ररीय कांग्ेस करी अधरक्षा सोनिया गांधरी से नजदरीकरी बढ़ जाने के कारण परी . ए . संगमा ने अपनरी पाटटी का ममता बनजटी करी तृणमूल कांग्ेस पाटटी में विलय कर नेशनतल्ट तृणमूल कांग्ेस करी ्थापना करी । 10 अ्टूबर 2005 को अखिल भारिरीर तृणमूल कांग्ेस के सद्र के तौर पर लोकसभा पद से इस्तीफा देने के बाद परी . ए . संगमा फरवररी 2006 में नेशनल कांग्ेस पाटटी के प्रतिनिधि के तौर पर संसद पहुंचे । 2008 के मेघालय विधानसभा चुनावों में भाग लेने के लिए उनहोंने चौदहवीं लोकसभा से इस्तीफा दे दिया । परी . ए संगमा एन . सरी . परी . के महासचिव पद पर भरी रहे ।
3,15,987 वोट मू्र के साथ 30.7 फरीसदरी वोट मिले थे । परीए संगमा ये मानते थे कि देश में आदिवासियों को उच्चतम ्िर पर प्रतिनिधिति करी जरूरत है । वो मानते थे कि आदिवासियों को किनारे कर दिया है । शिक्षक से वकरील और फिर नेता बने परीए संगमा ने 2012 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कई दलों से समर्थन मांगा था लेकिन वो प्रणब मुखजटी से पिछड गए थे । वो आदिवासरी पहचान पर वोट करी उम्मीद लगाए बैठ़े थे लेकिन सफलता नहीं मिल पाई । 1996 में लोकसभा अधरक्ष उनके करियर में बड़ी उपलकबध थरी ।
पीए संगमा 8 बार रह
चुके थे सांसद
परीए संगमा का जनम 1947 को पकशचम गारो तह्स में मेघालय के चपाथरी गांव में हुआ था । शिलांग से स्ािक करी डिग्री लेने के बाद परीए संगमा ने असम के डिब्रूगढ़ यूनिवर्सिटरी से अंतर्राष्ट्ररीय संबंध में स्ािकोत्र करी उपाधि प्रापि करी थरी । साल 1973 में परीए संगमा प्रदेश युवा कांग्ेस समिति के अधरक्ष निर्वाचित हुए थे । 1977 के लोकसभा चुनावों में संगमा तुरा निर्वाचन क्षेत्र से जरीि दर्ज करने के बाद पहलरी बार सांसद बने थे । वो आठ बार लोकसभा के मेंबर रहे । निधन के दौरान वो तुरा ( अनुसूचित जनजाति ) लोकसभा सरीट से सांसद थे । �
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