eMag_July2021_Dalit Andolan | Page 49

असामानता का जनक है ।
कया वा्िि में वर्ण वयि्थिा ही सामाजिक असामानता की िड़ है ? यदि ऐसा है तो वर्ण वयि्थिा को िड़ से मिटा देना चिाहिए । पर यहाँ एक दूसरे पहलू पर भी सोचिना अतिआि्यक है । एक रुगण वयशकि को ठीक करने के लिए
तचितकतसक भी एक ही औषधि बार बार नहीं देता यदि औषधि के परिणाम संतोषजनक न हों तो । पर भारतीय समाज के तचितकतसक रुपी समाजसेवी इस रुगण समाज को ठीक करने के लिए एंटी- वर्ण वयि्थिा की ही खुराक दिए जा रहे हैं भले ही इस दवा का कोई लाभ होता न दिख रहा
हो । अपने इंजीनियरिंग के दस िषगों से अधिक कार्यकाल में मैंने अनुभव किया कि सम्या जहाँ से उतपन्न हुई उसका समाधान वहीं छुपा मिलता है । अपनी काय्शक्षेत् में किसी भी सम्या का निराकरण मैंने इन चिरणों का पालन करते हुए पाया है : 1 . सम्या के लक्षण जानना 2 . वा्ितिक सम्या को पहचिानना 3 . संभावित निदान की सूचिी तैयार करना 4 . सूचिीबद्ध निदानों में से एक-एक कर
आजमाना
अधिकांशतः सम्या और सम्या के लक्षण में वयशकि भ्रमित हो जाता है और कई बार लक्षणों को सम्या मान बैठता है । यदि आपने लक्षण को सम्या मान बैठे तो यकीनन आप सम्या के भंवरजाल में उलझ गए । अब सम्या का निदान संभव नहीं है । लक्षण को सम्या समझने पर आप केवल मरममि कर सकते हैं , सम्या जस का तस रहेगा और अपना लक्षण पुनः प्कट करेगा । ऐसी अवांछनीय स्थिति से बचिने के लिए असली सम्या को पहचिान कर ठीक करना आि्यक है । साधारण से उदाहरण से समझने का प्यास करते हैं – यदि मोटर का शा्ट टूट रहा है तो शा्ट टूटना सम्या नहीं है , यह लक्षण है । यदि शा्ट टूटने को सम्या मान लिया गया तो इसको या तो बदल दिया जाएगा या मरममि कर लगा दिया जाएगा । निश्चित रुप से यह शा्ट दोबारा टूटेगा । असली सम्या है संरेखण माने अलाइनमेंट । अलाइनमेंट जब तक ठीक नहीं किया जाएगा तब तक शा्ट टूटता रहेगा । और आसान शबदों में समझने का प्यास करते हैं- सिर दर्द सम्या नहीं है , यह लक्षण है । केवल सिर दर्द की औषधि आपको क्षणिक राहत दे सकता है पर स्थाई समाधान नहीं । सिर दर्द का लक्षण किस सम्या से आया यह जानना अति महतिपूर्ण है तभी स्थाई समाधान मिलेगा ।
्ििंत्िा के बाद और पहले से भी अनेक समाजसेवियों ने अ्पृ्यिा को खतम करने के लिए आंदोलन किया । आंदोलन का मुखय निशाना वर्ण वयि्थिा रहा । पर आज भी यदि इह म्या की पुनरावृतत् हो रही है तो कहीं हम
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