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सामाजिक असामानता और आतथि्शक असमानता । सामाजिक असमानता को मिटाने के लिए संविधान में अ्पृ्यिा उनमूलन कानून की वयि्थिा की गई और आतथि्शक असमानता को समापि करने हेतु अस्थाई आरक्षण की वयि्थिा ।
भारत में वयापि सामाजिक असामानता केवल
एक वर्ग विशेष के साथि जिसे कि दलित कहा जाता है , के साथि ही वयापक रूप से प्भावी है । परंतु आतथि्शक असमानता को केवल दलितों में ही वयापि नहीं माना जा सकता । बाबा साहब सहित अनय सभी समाजसेवियों ने इस असमानता की खाई को पाटने के लिए अपने अपने तरीके
से प्यास किया और उन सभी के प्यासों में वर्ण वयि्थिा का विरोध समान रूप से मौजूद थिा । आज भी जितने समाजसेवी हैं या िथिाकतथिि दलित हितैषी राजनीतिक दल हैं सभी एक सुर से वर्ण वयि्थिा का विरोध करते हैं । उनकी सोचि यह है कि वर्ण वयि्थिा ही सामाजिक
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