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दलित बाहुल् ग्रामों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने की योजना में गति अब तक पांच हजार ग्रामों को आदर्श ग्राम घोषित किया गया लगभग दस हजार ग्राम आदर्श ग्राम के रूप में घोषित होने की प्तीक्ा में
श के विभिन्न राजयों में अनुसूचित ns
जाति बहुल ग्ामों को पूर्ण रूप से
विकसित करने के उद्े्य से प्रारमभ की गई प्रधानमंत्ी आदर्श ग्ाम योजना को गति देने के लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से जु्टी हुई है । इस योजना में शामिल किए गए 75 प्रतिशत से अधिक ग्ाम अब आदर्श ग्ाम के सवरूप ले चुके हैं और इन ग्ामों में वह सभी सुविधाएं मौजूद हैं , जिनकी आव्यकता हर आम आदमी को होती है ।
जानकारी हो कि भारत में 2011 की जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति का प्रतिशत कुल जनसंखया का 16.6 प्रतिशत है । अनुसूचित जाति की बड़ी जनसंखया ग्ामों में निवास करती है । सामाजिक , आर्थिक एवं शैलक्क रूप से कमजोर अनुसूचित जाति के समग् कलयाण के उद्े्य से केंद्र सरकार ने उन ग्ामों को पूर्ण रूप से विकसित करने बीड़ा उठाया था , जहां अनुसूचित जाति के लोग निवास करते हैं । इसके लिए केंद्र सरकार ने आदर्श ग्ाम योजना प्रारमभ की थी ।
आदर्श ग्ाम एक ऐसी संकलपना है , जिसमें आम लोगों को बुनियादी सेवाएं देने की परिकलपना की गई है , जिससे समाज के सभी
वगतों तक नयूनतम आव्यकताओं की पूर्ति हो सके और असमानता को दूर किया जा सके । योजना का उद्े्य उन ग्ामों का एकीककृत विकास करना है , जहां 50 प्रतिशत से अधिक जनसंखया अनुसूचित जाति की है । हालांकि योजना का प्रारमभ 2009-10 में पायल्ट प्रोजेक्ट के तौर पर सिर्फ पांच राजयों के एक हजार ग्ामों से हुआ
था । बाद में 2014-15 में मोदी सरकार ने इसे अपनी प्राथमिकता में रखा । जिसमें चरणबद्ध तरीके से देश के अनुसूचित जाति बाहुलय लगभग 29 हजार ग्ामों को विकसित करने का निर्णय लिया गया था ।
जानकारी के अनुसार गत वर्ष इस योजना में शामिल किए लगभग साढ़े गयारह हजार
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