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राष्ट्रर्ाद के समक्
सभी दल नतमस्तक
सियासी दलों का सामदूरहक भदूि सुधार अभियान जारी जाक्तर्ादी राजनीक्त पर भारी भाजपा करी समार्ेशी सोच
ये चौंकाने वाली बात कही जा सकती है कि महज 7 साल पहले सत्ा में आई भाजपा के पास ऐसी कौन सी जादुई छड़ी है , जिसके इशारे पर सभी राजनीतिक दल खुद में इतने बदलाव ला रहे हैं ?
देवेश लरिपाठी
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प़ी विधानसभा चुनाव 2022 क़ी राजऩीलतक बिसात पर इन दिनों एक से बढकर एक सियास़ी चालें देखने को मिल रह़ी हैं । सपा अधयक् अखिलेश यादव ने ' नई हवा और नई सपा ' के नारे के साथ अपने एमवाई ( मुलसिम + यादव ) सम़ीकरण में करेकशन करते हुए इसे नया रूप दे दिया है । अखिलेश यादव के अनुसार , अब एमवाई सम़ीकरण का मतलब मुलसिम-यादव गठजोड नहीं महिला-युवा क़ी सपा से कऱीब़ी होगा । बसपा सुप्ऱीमो मायावत़ी कहत़ी दिख रह़ी हैं कि अब वो विकास क़ी राजऩीलत करेंग़ी और मूर्तियों से पहरेज करेंग़ी । कांग्ेस ने प्रियंका गांि़ी के सहारे सूबे में पैरों के ऩीिे गायब हो चुक़ी जम़ीन को दोबारा जगह पर लाने के लिए सॉफट हिंदुति क़ी राह पकड ि़ी है ।
आम आदम़ी पाटटी ने तिरंगा यात्ा के जरिये भाजपा के रा्ट्रवाद और हिंदुति को झूठा साबित
कर बेनकाब करने क़ी कसम खा ि़ी है । कुला मिलाकर कहने का अर्थ ये है कि यूप़ी चुनाव से पहले सूबे के तमाम राजऩीलतक दलों में बदलाव क़ी एक अलग ह़ी बयार दिखाई पड रह़ी है । लेकिन , ये बदलाव क़ी बयार सियास़ी मजबूऱी के तहत यूप़ी चुनाव से पहले किया जा रहा सामूहिक भूल सुधार अभियान ह़ी नजर आ रहा है । कयोंकि , सपा , कांग्ेस , बसपा , आम आदम़ी पाटटी समेत सभ़ी सियास़ी दलों को भाजपा अकेले ह़ी निशाने पर लिए हुए है । ये चौंकाने वाि़ी बात कह़ी जा सकत़ी है कि महज 7 साल पहले सत्ा में आई भाजपा के पास ऐस़ी कौन स़ी जादुई छड़ी है , जिसके इशारे पर ये सभ़ी राजऩीलतक दल खुद में इतने बदलाव ला रहे हैं ?
सियवासी मजबूरी के तहत सवामूहिक भूल सुधवार अभियवान
ये बदलाव क़ी बयार सियास़ी मजबूऱी के
तहत यूप़ी चुनाव से पहले किया जा रहा सामूहिक भूल सुधार अभियान ह़ी नजर आ रहा है । सपा अधयक् अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव के चुनाि़ी एमवाई सम़ीकरण को लेकर राजऩीलत करते रहे हैं । लेकिन , इस बार के यूप़ी चुनाव में उनहोंने इस फॉर्मूले में थोडा करेकशन किया है । अखिलेश यादव क़ी नई सपा में अब एम का मतलब मुलसिम न होकर महिला और वाई का अर्थ यादव से बदलकर युवा हो गया है । मुलसिम-यादव परसत होने का आरोप झेल रह़ी सपा के लिए ये बदलाव करना जरूऱी था । सपा के कार्यक्रमों और साइकिल यात्ाओं में मुलसिम नेताओं को अब उतऩी प्रमुखता नह़ी द़ी जा रह़ी है । यहां तक कि कानून के शिकंजे में बुऱी तरह फंस चुके अखिलेश सरकार के पूर्व मंत्री आजम खान का बचाव करने के लिए भ़ी सपा कोई खास प्रयास करत़ी
44 दलित आं दोलन पत्रिका tuojh 2022