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70 प्रतिशत लस्क का उतपादन झारखंड में होता है ।
बवांस से विकवास कवा प्रयवास
झारखंड राजय बंबू मिशन के प्रयास से बांस के उतपादन , लघु एवं कुट़ीर उद्म एवं हसतलश्प को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है । किसानों के ज़ीिन सतर में हरित भारत , सतत एवं टिकाऊ विकास क़ी संक्पना के माधयम से सरकार क़ी ओर से बांस आधारित उद्ोग से रोजगार क़ी दिशा में प्रयास किये जा रहे है । राजय में मोहि़ी परिवारों क़ी संखया लाखों में है जो परंपरागत रूप से बांस के उतपाद टोकऱी , सूप , डलिया सहित कई सामग्री िषमों से परंपरागत रूप से बना रहे हैं और अपऩी आज़ीलिका चला रहे हैं । मोहि़ी परिवारों को बंबूकॉफट क़ी ओर से प्रलशक्ि दिया जा रहा है । बांस पृथ्वी पर सबसे टिकाऊ मेटेरियल माना जाता है । अनय वनसपलतयों क़ी तुलना में बांस में ऑक्सीजन क़ी मात्ा 35 प्रतिशत अधिक होत़ी है । बांस के माधयम से टिकाऊ विकास एवं हरित भारत क़ी परिक्पना को साकार किया जा रहा हैं । आईएसएफ क़ी रिपोर्ट के मुताबिक ग्रीन क्मपस 515 लमि़ीयन है जबकि सूखा क्मपस 114 लमि़ीयन है । झारखंड सरकार क़ी योजना है कि बंबू के उतपाद से आदिवासियों क़ी ज़ीिन शैि़ी में बडा बदलाव लाया जा सकता है । बंबू का उतपादन कर एवं झारखंड के काऱीगरों को हुनरमंद बनाकर सिरोजगार के लिये प्रेरित किया जायेगा । त़ीन साल में बांस के पेड बढ़ते हैं । बांस का विकास तेज़ी से होता है । आज उनके उतपाद क़ी मांग पूरे विशि में बढ़ी है ।
देश कवा आधवा बवांस झवारखंड में
झारखंड में 4,470 सकाियर किलोम़ीटर क्ेत् में बांस का उतपादन होता हैं । बांस 2,520 मिलियन टन यहां पाया जाता है । पूरे देश का आधा बांस झारखंड में ह़ी पाया जाता है । यहां के बंबुसा टुलडा , बंबुसा नूतनस और बंबुसा बालकोआ क़ी मांग पूरे विशि में है । बंबूक्राफट
राजय का प्रमुख उद्ोग बन चुका है । झारखंड में लगभग 500 प्रकार के उतपाद बांस से बनाए जा रहे हैं और अनय प्रदेशों में भेजे जा रहे हैं । इससे 50 लाख क़ी आय प्रतिवर्ष सरकार को हो रह़ी है । उद्ोग विभाग ने वर्ष 2022 तक ग्ाम़ीि क्ेत्ों में रह रहे लोगों को गऱीब़ी से मुकत कर उनक़ी आय दोगुऩी करने क़ी योजना पर तेज़ी से अमल कर रहा है । वन आधारित उतपादों के माधयम से लोगों को रोजगार मुहैया कराने क़ी दिशा में प्रयास किये जा रहे है । पिछले दिनों नेशनल बंबू मिशन और काऱीगर जुटे थे जिनहें प्रलशक्ि के साथ टिकाऊ विकास के बारे में बताया गया । देश भर के निवेशकों को बांस आधारित उद्ोग के बारे में बांस काऱीगर मेला में बताया गया । काऱीगर मेला में आईकिया , ट्राईफेड , फैब इंडिया , ईसाफ सहित कई संगठन असम , लत्पुरा , दिल्ली , मेघालय सहित कई राजयों से जुटे थे । झारखंड में काऱीगर मेला का आयोजन मुखयमंत्री लघु एवं कुट़ीर उद्म विकास बोर्ड , उद्ोग विभाग , झारखंड राजय बंबू मिशन , झारक्राफॅट और जेएसएलप़ीएस ने किया था ।
' मोमेंटम झवारखंड ' ने दिखवाई नई दिशवा
झारखंड में मोमेंटम झारखंड का आयोजन किया जा चुका है , जिसमें देश भर के बडे औद्ोलगक घरानों के महारथियों का रांि़ी में आगमन हुआ । मुखयमंत्री हेमंत सोरेन झारखंड में सतत एवं टिकाऊ विकास से रोजगार के लिये काऱीगरों को अवसर प्रदान करने में जुटे हैं । राजय में हरेक जिला में बांस बहुतायत मात्ा में पाया जाता है , जिससे रोजगार क़ी संभावना बढ़ी है । राजय में बांस के क्ेत् में संभावना है , कृषि से लेकर उर्जा के वैलक्पक स्ोत क़ी संभावना बऩी है । अच्छी बात यह है कि बांस आधारित सामानों के उतपादन के विपणन क़ी समसया नहीं है । मल्टीनेशनल कंपनियां सामग्री खऱीदने को हमेशा तैयार रहत़ी है । बांस के नये उतपाद भ़ी अब बनने लगे हैं जैसे सोफा सेट , टेबल , बैग , दैनिक उपयोग क़ी कलातमक सामग्री । इसक़ी मांग बढ़ी है , जिससे विशि वयापार भ़ी बढ़ा हैं । गैर सरकाऱी संसथा ईसाफ के अजित सेन बताते हैं कि राजय के सभ़ी जिलों में बांस का उतपादन होता आ रहा है । संताल
42 दलित आं दोलन पत्रिका tuojh 2022