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करिया मुंडा समिति , अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के क्याि पर एक संसद़ीय समिति ( 2000 ) द्ारा रिपोर्ट ; संविधान के कामकाज क़ी सम़ीक्ा के लिए राष्ट्रीय आयोग , नयायमूर्ति एम . एन . वेंकटचलैया ( 2002 ); डॉ ईएम सुदर्शन नचियपपन ( 2006 ) क़ी अधयक्ता में संसद़ीय सथाय़ी समिति ; और राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ( 2016 ), रिपोर्ट में कहा गया है कि 2011 तक , सभ़ी 21 उच् नयायालयों में कुल 850 नयायाि़ीशों के मुकाबले अनुसूचित जाति ( एसस़ी ) / अनुसूचित जनजाति ( एसट़ी ) के केवल 24 नयायाि़ीश थे । रिपोर्ट में खेद वयकत किया गया है कि आज , जबकि उच्तम नयायालय के 33 नयायाि़ीशों में से केवल दो दलित हैं । उच् नयायालयों और लनिि़ी जिला नयायपालिका में एसस़ी / एसट़ी नयायाि़ीशों के अनुपात के संबंध में सार्वजनिक डेटा नहीं मिल सका ।
न्यायवाधीशों की नियुक्ति में पूिवा्पग्रह हवािी
एक ि़ीगल वेबसाइट ‘ ि़ीरिेट ’ में अंग्ेज़ी में प्रकाशित रिपोर्ट में उच् नयायपालिका में नियुलकत में पूिा्थग्ह का आरोप लगाया गया है । दलित समुदाय के अपने सहयोगियों के प्रति उच् जाति के नयायाि़ीशों के निहित पूिा्थग्हों क़ी दृढता पर उच् नयायालय के उच् जाति के नयायाि़ीशों का हवाला देते हुए , रिपोर्ट उनमें से एक का उ्िेख करते हुए कहत़ी है कि कैसे एक उच् नयायालय में मुखय नयायाि़ीश के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान जब भ़ी उनहोंने उस उच् नयायालय में नयायाि़ीश के रूप में नियुलकत के लिए एक दलित वक़ीि के नाम पर विचार किया , तो उनहें अपने उच्-जाति के सहयोग़ी नयायाि़ीशों के प्रतिरोध का सामना करना पडा ।
दलित न्यायवाधीश की पदोन्नति मुश्किल सुप्ऱीम कोर्ट के एक सेवानिवृत् उच् जाति
के नयायाि़ीश का हवाला देते हुए , रिपोर्ट में
कहा गया है कि चूंकि लनिि़ी नयायपालिका में दलित नयायाि़ीशों को आरक्ि / कोटा के माधयम से नियुकत किया जाता है , उच् नयायपालिका में उनके खिलाफ एक पूिा्थग्ह है कि वे कम मेधाि़ी हैं , और इस प्रकार उनहें आसाऩी से पदोन्त नहीं मिलत़ी है । इस जज का मानना था कि आरक्ि दलित उम्मीदवारों को नकारातमक रूप से प्रभावित करता है । रिपोर्ट के अनुसार सुप्ऱीम कोर्ट के एक अनय सेवानिवृत् नयायाि़ीश , जो पिछले एक दशक में लगभग दो िषमों तक सुप्ऱीम कोर्ट कॉलेजियम का हिससा थे , ने कहा कि पदोन्लत पर विचार करने के लिए मुखय मानदंड उच् नयायालय के नयायाि़ीशों के राजय-वयाप़ी प्रतिनिधिति और सभ़ी सतरों पर उनक़ी वरर्ठता को बनाए रखना होता है । उनहोंने कहा , चूंकि उनके समय में उच् नयायालयों में वरर्ठता वाले कोई दलित
नयायाि़ीश नहीं थे , इसलिए उच्तम नयायालय में दलितों का प्रतिनिधिति सुलनलशित करने के मुद्े पर कॉलेजियम के हिससे के रूप में चर्चा नहीं क़ी गई थ़ी ।
दलित आबवादी कवा प्रतिनिधित्व नहीं
रिपोर्ट में भारत के लिए एक पूर्व अतिरिकत सॉलिसिटर जनरल को उस़ी भावना को साझा करते हुए उद्धृत किया गया है । तथय यह है कि अपने अलसतति के 70 िषमों में , भारत के उच्तम नयायालय ने केवल आठ महिला नयायाि़ीशों और एक दलित मुखय नयायाि़ीश को देखा है । यह इस वासतलिकता का वस़ीयतनामा है कि हमाऱी नयायपालिका क़ी संरचना का प्रतिनिधिति दलित आबाद़ी नहीं करत़ी है । रिपोर्ट में भारत एक अनय वरर्ठ अधिवकता और पूर्व सॉलिसिटर
26 दलित आं दोलन पत्रिका tuojh 2022