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रदूएस बार एसोसिएशन रिपोर्ट में स्ाह सच्ाई का खुलासा

न्ायपालिका में दलित न्ायाधीशों के साथ हो रहा अन्ाय ..?? सवालों में भारत के उच्च जाति के शीर्ष न्ायाधीशों का रवैया

जेपी सिंह

्रभावशाि़ी अमेरिकन बार एसोसिएशन ( एब़ीए ) सेंटर फॉर ह्ूमन राइ्स द्ारा , इस तथय को धयान में रखते हुए कि भारत़ीय गणराजय के 70 साल के इतिहास में , केवल छह दलित नयायाि़ीशों को सिगोच् नयायालय में नियुकत किया गया है , तैयार क़ी गय़ी रिपोर्ट में कानूऩी पेशे और नयायपालिका में दलितों के प्रतिनिधिति क़ी कम़ी पर कडा प्रतिवाद किया है ।

सवाक्षात्कारों पर आधवारित है रिपोर्ट
कानूऩी विद्ानों अनुराग भासकर और ऩीि मोद़ी द्ारा तैयार ‘ दलक्ि एशिया के कानूऩी समुदाय में दलितों के लिए चुनौतियां ’ श़ीष्थक से प्रकाशित रिपोर्ट 74 साक्ातकारों पर आधारित है , जिनमें से 32 उत्रदाता दलित समुदाय के हैं , त़ीन आदिवास़ी हैं , चार अनय पिछडा वर्ग के हैं , त़ीन मुलसिम हैं , और 32 अनय गैर-दलित
हैं । रिपोर्ट में एक प्रतिवाद़ी को यह कहते हुए उद्धृत किया गया है कि “ सुप्ऱीम कोर्ट जैस़ी संसथा क़ी विशिसऩीयता संवैधानिक लोकतंत् में तब तक सथालपत नहीं हो सकत़ी जब तक कि हाशिए पर रहने वाले समुदाय सप्ट रूप से संसथा पर अपना भरोसा वयकत नहीं करते हैं ।
सवामवाचजक न्याय से अछू ती न्यायपवालिकवा आधिकारिक स्ोतों का हवाला देते हुए ,
tuojh 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 25