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मुवतिबोध जाति प्रसंग : जाति न पूछो साधु की .... मुवतिबोध की जाति जानना जरूरी क्ो .?
दिलीप मंडल
व्यसकत की जाति किसी भी मामले में
उसके जनम का सं्योग है । किसी
व्यसकत का किसी जाति में पैदा होना उस व्यसकत के हाथ में नहीं है । उसके दोष ्या कमषों के साथ जाति का कोई सीधा
संबंध नहीं होना चाहिए , लेकिन भारती्य समाज व्यवसथा जिस तरह की है उसमें व्यसकत का जनम और उसके कारण बनी हुई ससथमत ही उसकी आगे की ्यात्ा को कई तरह से प्भावित करती है । जब मैं ्यह लिख रहा था कि मुसकतबोध कुशवाहा थे तो इसकी एक संभावित
प्रतिक्रिया का मुझे अंदाजा था क्योंकि ्यह बात बहुत महतिपूर्ण है और अंडरलाइन की जानी चाहिए कि ‘ किसी व्यसकत की जाति इस बात से निर्धारित नहीं होती कि वह व्यसकत खुद को किस जाति में मानता है किसी व्यसकत की जाति इस बात से निर्धारित होती है कि कौन सी जाति
iQjojh 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 43