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चेन्नई का मेयर पद दलित महिलाओ ंके लिए आरक्षित कै बिनेट मंत्री के समकक्ष माना जाता है चेन्नई का मेयर पद द्रमुक ने दलित के कोटे का पद दिया दलित महिलाओ ंको
दलित आंदोलन पनरिका ब्यूरो
चे समाज की महिलाओं के लिए आरमक्त
न्नई के मे्यर का पद अब अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाली दलित
कर मद्या ग्या है । महिला सशसकतकरण और दलित उतथान की दिशा की में लिए गए तमिलनाडछु की डीएमके सरकार के इस फैसले को राजनीतिक रूप से भी बेहद महतिपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है जो अनुसूचित जाति और महिला मतदाताओं को प्भावित कर सकता है । तमिलनाडछु की राजधानी चेन्नई के मे्यर पद की अहमम्यत को इसी बात से समझा जा सकता
है कि इसे प्देश सरकार में केबिनेट मंत्ी के पद के समकक् समझा जाता है । राजनीतिक प्य्णिेक्कों और जानकारों का कहना है कि किसी सम्य चेन्नई के मे्यर पद को एससी के लिए आरमक्त करना होगा , क्योंकि ्यह कानून विारा अनिवा्य्ण है । एससी महिलाओं के लिए इसे आरमक्त करना डीएमके के लिए राजनीतिक रूप से फा्यदेमंद साबित हो सकता है । पाटटी अपने महिलाओं के वोट शे्यर में वृमद की उममीद कर सकती है । इसके अलावा अगर डीएमके चेन्नई में अपने स्वयं के एससी नेता को आगे बढाती है तो पाटटी एससी पामट्ट्यों पर निर्भर किए
बिना समुदा्य के वोट जीत सकती है ।
सरकार के फै सले से विपक्ष स्तब्ध
इस कदम से चिंतित एआईएडीएमके के कुछ नेताओं ने अफसोस जता्या कि कैसे उनकी पाटटी सत्ता में रहते हुए इस अवसर से चूक गई । विपक्ी दल के एक वरर्ठ नेता ने बता्या कि एससी नेताओं ने 2019 में भी इसी तरह की मांग की थी । उनहोंने कहा , कुछ नेताओं ने मांग की थी लेकिन वह अनसुनी हो गई । हमारी नेता जे . ज्यललिता के निधन के बाद से हमारी महिला
iQjojh 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 35