mŸkj izns ' k fo / kkulHkk pquko
विकासवादी राजनीति फिर तोड़ेगी जातिगत समीकरण
उत्तर प्देश में विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद भारती्य जनता पाटटी ( भाजपा ) की सत्तारूढ़ सरकार के कई मंत्रियों , विधा्यकों और उनसे जुड़े राजनीतिक का्य्णकर्ताओं ने भाजपा छोड़ने की घोषणा कर दी । सरकार गठन के बाद से 2020 तक सरकार का हिससा रहने के बाद चुनाव से पहले पाटटी छोड़ने वाले अधिकांश नेता दलित , पिछड़ी जाति के हितों के नाम पर राजनीति के मैदान में िषषों से समक्र्य हैं । भाजपा से विदाई लेने के बाद अधिकतर नेताओं ने अपनी सफाई में ब्यान मद्या कि दलित , पिछड़ी और गरीब जनता के हितों के विरुद जाकर भाजपा सरकार काम कर रही थी । इसीलिए उनहोंने पाटटी को छोड़ मद्या है ।
भाजपा छोड़ने के बाद अधिकांश नेताओं को समाजवादी पाटटी में जगह मिल ग्यी , तो अन्य भाजपा विरोधी दलों के खेमे में जाकर बैठ गए । कहते हैं राजनीति की दुमन्या में रहस्य ज्यादा सम्य तक रहस्य नहीं रहते हैं । प्देश में भाजपा पर दलित-पिछड़ा और गरीब विरोधी होने का आरोप लगाने वाले नेताओं के दर्द का सच जब सामने आ्या तो उस आम जनता , जिसे दलित- पिछड़ा और गरीब बता्या जाता है , को भी पता चल ग्या कि असली मुद्ा तो बेटा-बहू और
12 दलित आं दोलन पत्रिका iQjojh 2022