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की पूरी रणनीति समाज के सभी िगषों को अपने साथ लेकर चलने की है । विरोधी पक् भले ही भाजपा पर हिनदूति का कार्ड खेलने का आरोप मढ रहे हों लेकिन सच ्यही है कि अगर भाजपा को हिनदुति का कार्ड खेलना होता और चुनाव को सांप्दाम्यक रंग देना होता तो उसके लिए बेहद आसान था कि वह अ्योध्या की सीट से मुख्यमंत्ी ्योगी आदित्यनाथ को चुनाव मैदान में उतारने की जमीनी सतर से हो रही भारी मांग को सिीकार कर लेती । लेकिन ऐसा करने के बजा्य भाजपा ने सांप्दाम्यक ध्ुिीकरण की विपक् की कोशिशों को भी पलीता लगा मद्या और प्त्यामश्यों की सूची जारी करने से पहले ही बता मद्या कि मुख्यमंत्ी ्योगी अपने गोरक्पीठ के प्भाव क्ेत् में आने वाली गोरखपुर
की सीट से लडेंगे और मथुरा के मुद्े को हवा देने वाले उपमुख्यमंत्ी केशव प्साद मौ्य्ण अपने जनम सथान सिराथू सीट से पाटटी के उममीदवार होंगे । ्यानी उममीदवारों की सूची जारी करने के पहले ही इन दो बडे व सबसे महतिपूर्ण नामों के लिए सीटों की घोषणा करके भाजपा ने अपने इरादे जता दिए कि ना तो वह राम मंदिर बनवाने का चुनावी श्रेय लूटना चाहती है और ना ही मथुरा में कृष्ण जनमसथान के विवाद को सुलगा कर चुनाव को सांप्दाम्यक ्या भावनातमक दिशा में ले जाने की उसकी कोई इचछा है । पाटटी ने मुख्यमंत्ी ्योगी आदित्यनाथ को गोरखपुर से और केशव प्साद मौ्य्ण को सिराथू से अपने सामाजिक समीकरणों को केंद्र में रखकर ही चुनाव मैदान में उतारा
है । ्योगी के अ्योध्या से लडने से पाटटी का एजेंडा और पाटटी ने पिछडों और दलितों के बीच जाकर जो मेहनत की थी उस पर पानी फिर सकता था । पाटटी की पूरी चुनावी रणनीति किसी अन्य मुद्े पर जाने के बजा्य सामाजिक समीकरणों पर केंद्रित है । ्यही वजह है कि पाटटी ने बडे नेताओं को चुनाव मैदान में तो उतारा है , लेकिन इसे कोई धार्मिक ध्ुिीकरण का रूप नहीं मद्या है , बसलक खुद को सामाजिक समीकरणों पर ही केंद्रित रखा है ।
भाजपा की सर्वस्पर्शी राजनीति
उत्तर प्देश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के ठीक बाद एक दर्जन से ज्यादा नेताओं की बगावत से जूझ रही भाजपा ने अपनी पहली सूची से साफ कर मद्या है कि वह किसी दबाव में अपनी रणनीति बदलने नहीं जा रही है । पाटटी ने अपने सभी प्मुख नेताओं को चुनाव लडाने की रणनीति के तहत मुख्यमंत्ी ्योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्ी केशव प्साद मौ्य्ण को चुनाव मैदान में उतारने का ऐलान कर मद्या है । इसके साथ ही उसने अपनी सर्वसपशटी सूची में सभी िगषों को साधने की कोशिश की हैं । इसमें पिछडों और दलितों को लेकर उसका रुझान भी नजर आ्या है । पाटटी ने सामान्य सीट से दलित उममीदवार को उतारकर इसके संकेत भी दिए हैं । केंद्र और राज्य सरकार लगातार पिछडा , दलित , गरीब , वंचित समुदा्य को अपने केंद्र में रखकर काम कर रही है और गरीब कल्याण ्योजनाओं को ज्यादा तवज्ो दे रही है । उस की विभिन्न ्योजनाओं घर घर बिजली , गैस सिलेंडर , आ्यु्मान ्योजना , कोरोना काल में गरीबों को मुफत अनाज , छोटे किसानों के खातों व महिलाओं खाते में पैसा भेजना , ऐसी ्योजना्यें है जो सीधे तौर पर अधिकांश पिछडे और दलित समुदा्य को ज्यादा लाभ पहुंचाती हैं । ऐसे में ्यह वर्ग उसके साथ है और वह उसकी ्योजनाओं से लाभासनित हुआ है । उसका समर्थन उसे मिलेगा ही । �
iQjojh 2022 दलित आं दोलन पत्रिका 11