eMag_Feb 2023_DA | Page 10

doj LVksjh

केस में उसे नयायालय या पुलिस में जाना होगा ।
इसी प्रकार पशु के लिए है । यदि गाय सींग मार दे , तो आप उसे नहीं पी्ट सकते । यदि ऐसा कोई करता भी है तो लोग कहते हैं कि ्वह तो जान्वर है , आप क्यों जान्वर बन गये ..? यहां अधिकार उसके स्वभा्व से है । शेर के पास जायेंगे तो ्वह मार कर खा ही जायेगा ।
इसी प्रकार गं्वार यानी पागल या मूर्ख के लिए यह सीख दी गयी है । जैसे ्वह आपके साथ कोई आपत्तिजनक घ्टना करे तो आप उसे प्रताड़ित नहीं कर सकते । लोग यही कहेंगे कि ्वह तो पागल है , आप क्यों पागल हो रहे हैं ..? यहां उसका अधिकार उसकी मानसिक लस्शत से है ।
ढ़ोल का काम है बजना , यदि प्रशंसनीय कार्य किया गया तो पक् में , अनय्ा श्वरोध में बजेगा ।
शूद्र का कार्य से्वा का था । उसका अधिकार है अपने मालिक के आदेश का पालन करना । ्वैसे भी डॉ . बीआर अंबेडकर ने अपनी एक पुसतक शूद्र कौन के प्राकक्न के पहले पपृषठ के तीसरे पैराग्ार में उ्लेख किया है कि ्वत्थमान दलित
इसी प्रकार गंर्ार यानी पागल या मूर्ख के लिए यह सीख दी गयी है । जैसे र्ह आपके साथ कोई आपसतिजनक घटना करे तो आप उसे प्रताड़ित नहीं कर सकते । लोग यही कहेंगे कि र्ह तो पागल है , आप क्यों पागल हो रहे हैं ..? यहां उसका अधिकार उसकरी मानसिक स्थिति से है ।
प्राचीन या ्वैदिक कालीन शूद्र नहीं हैं । ्वहीं पर उन्होंने तो यहां तक लिखा है कि शूद्रचों का ्वत्थमान दलितचों से कोई लेना देना नहीं है । आजकल के अंबेडकराइजड अंबेडकर जी से बडे श्वद्ान तो नहीं हो सकते हैं ।
्वैसे भी देखा जाये तो तुलसीदास जी के जी्वन में कया था ..? जब पत्ी ने धिककार दिया कि मुझसे अच्ा होता कि आप प्रभु श्रीराम में अपनी आसलकत लगाएं । तब तुलसीदास के जी्वन में उनके आराधय भग्वान श्रीराम और माता सीता के आला्वा कुछ नहीं था । कोई अपनी माता के लिए ऐसी बातें क्यों और कैसे लिख सकता है ..?
्वेद स्वयंभू हैं किंतु उसके मंरि द्रस्टा ऋषि थे .. के्वल ऋग्वेद के लगभग तीन सौ ऋषि थे । उनमें सैंकडचों महिलाएं ऋषि थीं । लोपामुद्रा , सतयभामा , मैरिेयी , गागगी इतयाशद । शूद्र ऋषि वयास ने पूरे ्वेद का संकलन किया था , इसीलिए ही उनहें ्वेदवयास कहा जाता है ।
जब महिलाएं और शूद्र ्वेद लिख सकते थे तो उनहें ्वेदाधिकार क्यों नहीं ..? सब सत्ता में उलझे हुए हैं , और पूरे समाज को भी उलझाए हुए हैं । आ्वशयकता है कि हम समाज को नकारातमकता से बचाकर सकारातमक दिशा में ले चलें । �
10 iQjojh 2023