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हतुई है । इस तरह की मौतें त्वध्वंसक और त्वभाजनकारियों के लिए उत्सव का अ्वरर हकोती है । कांग्ेर की महारतच्व तप्यंका गांधी रात में ही लखीमपतुर खीरी जाने के लिए बेताब हको उठीं । अखिलेश याद्व कको रतुबह हकोने का इंतजार न हको सका । होड़ लग गई । औ्वेसी निकल पड़े । तेजस्वी याद्व कको नेपाल सीमा की तराई पर इस इलाके में जाने की न जाने क्या ललक पैदा हतुई । इसे भारत की राजनीति का श्व पर्यटन कह सकते हैं । ये त्वभाजक मंडली लाशों के इंतजार में बैठी रहती है । इन रक्त पिपासा सिलेपक्ट्व ( स्वादानतुरार ) है । भाजपा शासित और इस समय तको उत्र प्देश में ये किसी भी घटना कको लपकने के लिए पसिप ( तककेट में त्वकेटकीपर के बराबर ्वाली पकोतजशन ) के फीलिर की तैयार खड़े हैं । पसथति यह है कि ऐसी ताकतें किसी घटना के हकोने का इंतजार नहीं कर रहीं बपलक साजिश के तहत ऐसी
घटनाओं कको अंजाम दिलाने की फिराक में दिखाई दे रही हैं जिससे यूपी में जनाककोश कको रतुिगाया जाए और रड़क पर तांि्व मचाया जाए ।
भाजपा की लगातार सफलता से बेचैनी
2014 में केंद्र में नरेंद्र मकोदी सरकार के आने से इनहें सदमा लगा । फिर उत्र प्देश में 2017 में प्चंड बहतुमत के साथ यकोगी आदितयनाथ के हाथ में कमान आई , तको ये अ्वाक रह गए । 2019 में जब दकोबारा केंद्र में नरेंद्र मकोदी सरकार और जयादा बहतुमत के साथ सत्ारीन हतुई , तको ये ककोमा में चले गए । इनकी बेचैनी इसलिए जयादा है कि उत्र प्देश में फिर यकोगी आदितयनाथ रतुशासन की नैया पर र्वार हकोकर दूसरी पारी खेलने की तैयारी कर रहे हैं । भाजपा की जनस्वीकार्यता त्रिपतुरा में दिख गई है जहां सथानीय निकाय के चतुना्व में
त्वरकोतियों का पूरी तरह सूपड़ा साफ हको गया है और च्पा — च्पा भाजपा का नारा जमीन पर साकार हतुआ है । ्वह भी तब जबकि त्रिपतुरा में सांप्दायिक उनमाद रतुिगाने के लिए दिलिी से पूरा जकोर लगा दिया गया । यहां तक कि ऐसे पत्रकारों कको भी ्वहां भेजा गया जिनहोंने हिन्दुओं द्ारा मपसजद में हिंसा किए जाने की झूठी खबरें प्रारित करके एक बार के लिए पूरे देश का माहौल गर्म कर दिया था । बात के्वि त्रिपतुरा की नहीं है । इन ताकतों ने एनआरसी और सीएए के नाम पर मतुरिमानों कको भड़काया कि उनकी नागरिकता जाने ्वाली है । शाहीन बाग और जामिया से शतुरू हकोकर आखिरकार इनहोंने दिलिी में आग लगा दी । उत्र प्देश तब भी इनकी तमाम ककोतशशों के बा्वजूद यकोगी की सखती के चलते न रतुिग सका । अनतुरूचित समतुदाय कको भड़काने की ककोतशश की कि एससी — एसटी एक्ट खतम किया जा रहा है ।
8 दलित आं दोलन पत्रिका fnlacj 2021