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चार साल का रतुशासन यकोगी आदितयनाथ कको एक बार फिर मतुखयमंत्री पद की पहली पसंद बना चतुका है । देश कको सबसे जयादा सांसद देने ्वाला उत्र प्देश अगर इसी रफतार से आगे बढ़ा , तको त्वभाजनकारी ताकतों का अपसतत्व यहां समा्त हको जाएगा । अंतिम सांसें ले रही कांग्ेर , पाटटी , जिंदा रहने के लिए रड़ारड़ा रही समाज्वादी पाटटी , अपसतत्व की अंतिम िड़ाई िड़ती बहतुजन समाज पाटटी और जाति — संप्दाय की राजनीति के नाम पर अपना स्वार्थ तरद करने की जतुगत बिठा रहे अनय छकोटे दलों कको उत्र प्देश का अमन और त्वकास बतुरी तरह खल रहा है । ऐसे में उत्र प्देश में आग लगाने के लिए तप्यंका गांधी , अखिलेश याद्व , अरत्वंद केजरी्वाल , माया्वती , असद्दुदीन औ्वेसी और इनके पीछे छिपे जिहादी , नक्सली और आंदकोिनजी्वी पेट्रोल का केन लिए घूम रहे हैं ।
यूपी का तराई उत्ातियों का गढ़
लखीमपतुर खीरी का जको घटनाकम सामने आ रहा है , ्वह एक रतुतनयकोतजत साजिश की ओर इशारा कर रहा है । जरा लखीमपतुर खीरी के घटनाकम पर गौर कीजिए । सांसद अजय तमश् टेनी के पिता की जयंती पर एक काय्सकम आयकोतजत किया गया । यह खेल संबंधित काय्सकम था । उप मतुखयमंत्री केश्व प्राद मौर्य कको इस काय्सकम में आना था । लेकिन बीच में कुछ तत्व घतुर आए । ये कौन हैं ? ये किसान हैं ? जी नहीं । तराई का ये इलाका पंजाब आतंक्वाद के समय भी रतुिगा था । इस पूरे इलाके में बड़े जमीदारों के हाथ में सारी फसलें , मंडियां और कृषि उतपादों के रेट हैं । पंजाब में अगर ितुआं उठता है , तको तराई का ये इलाका बे्वजह गर्माहट महसूस करने लगता है । नेपाल
सीमा से सटे इस इलाके में न तको हथियारों की कमी है और न ही ड्रगर की । दिलिी बरॉि्डर कको जिस समय खालिसतातनयों ने घेरा , उस समय से लखीमपतुर खीरी रतुिग रहा है । भिंडरा्वाला के पकोसटर लेकर रैलियां यहां भी निकलीं । जाम यहां भी लगाए गए । लेकिन दिलिी बार्डर की नौटंकी के चलते न तको इऩहें जयादा एक्सपकोजर मिला और न ही ये लाल किले पर क्जे जैसी किसी बड़ी हरकत कको अंजाम दे पाए । पाकिसतान , कनाडा में बैठे इस इलाके के कथित किसानों पर पिछले कुछ समय से भारी दबा्व था । बस ये मौके की तलाश में थे । मौका इनहें सांसद के काय्सकम के रूप में मिला ।
सुनियोजित साजिश की ओर इशारा कर रहे साक्ष्य
हैलीपेड से काय्सकम सथि का जको रूट था , उस पर मौजूद एक गतुरुद्ारे के पास ये कथित किसान और इनकी मदद के लिए नेपाल से लेकर दिलिी बरॉि्डर तक से त्वध्वंसक तत्व पहतुंचे हतुए थे । ्वीडियको साक्य और प्तयक्दर्शियों के मतुताबिक घटना की शतुरुआत उस समय हतुई , जब यहां से गतुजरती भाजपा कार्यकर्ताओं की एक जीप पर हमला किया गया । प्दर्शनकारी इस जीप पर जा चढ़े और हमला बकोि दिया । घबराहट में जीप बेकाबू हतुई और कुछ िकोग इसकी चपेट में आए । इसके बाद इन कथित भकोिे-भाले किसान प्दर्शनकारियों ने ढूंढकर भाजपा से जुड़े िकोगों की लिंचिंग की । लिंचिंग के इतने डरा्वने ्वीडियको मौजूद हैं कि तमाम रकोशल साइटर इनहें बिना चेता्वनी के आपकको देखने की इजाजत नहीं देंगी । एक ड्राइ्वर कको तको जबरन सांसद के बेटे का नाम लेने के लिए पीटा जा रहा था । जब इसने नाम नहीं लिया , तको इसकी पीट-पीटकर हतया कर दी गई । एक पत्रकार चपेट में आया , क्योंकि उसने इस लिंचिंग और घटनाकम की शतुरुआत के कुछ ्वीडियको बना लिए थे ।
राजनीतिक लाभ उठाने का कु त्सित प्रयास इस रक्तपात में कुल आठ िकोगों की मौत
fnlacj 2021 दलित आं दोलन पत्रिका 7