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झारखंड : संकट में आदिवासी की पहचान और संस्कृति जनता भुखमरी से ग्रस्त झारखांड सरकार मस्त जमीन पर नहीं पहुांच रही विकास योजनाएां
शैलेन्द्र सिन्हा
में आतद्वासी समाज की पहचान और संसकृति पर संकट झारखंड
छाया है । राजय में पेसा कानून कको अबतक लागू नहीं किया जा सका है । ्वर्ष 1996 में संसद से प्कोत्वजन ऑफ द पंचायत ( एक्सटेंसन ऑफ शिड्ूलि एरियाज ) ऐक्ट ' पेसा ' पारित किया गया । झारखंड के आतद्वासी समाज की प्ाचीन संसकृति कको बचाये रखने के साथ उनकी माली हालात में रतुिार की दिशा में प्यास सही तरीके से नहीं किया गया । पेसा ऐक्ट कको देश के 700 से जयादा जनजातीय समूहों और 10 करकोि से अधिक की आबादी के लाभ के लिये 22,141 ग्ाम पंचायतों कको धयान में रखकर पारित किया गया था । 25 ्वर्ष बाद भी इस ऐक्ट कको झारखंड में अधिसूचित नहीं किया गया । केनद्र सरकार ऐसे राजयों में अनतुदान पर रकोक लगा सकती है जहां पेसा ऐक्ट लागू नहीं किया गया है । केनद्रीय आतद्वासी मंत्री अजतु्सन मतुंडा ने
सथानीय निकायों कको मजबूत बनाने के लिये पेसा कानून कको लागू करने पर जकोर दिया है ।
मतुंडा ने झारखंड सरकार कको तनददेश दिया है कि राजय के अधिकारियों कको कानून की जानकारी
30 दलित आं दोलन पत्रिका fnlacj 2021