eMag_Dec_2021-DA | Page 24

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दलित होने की सजा भुगत रहे के रल के छारि

वामपंथी प्रभुत्व में सुरक्षित नहीं दलितों का हित भेदभाव के खिलाफ छारिा को करनी पड़ रही भूख हड़ताल

दलित आंदोलन पवत्का ब्यूरो

लितों के साथ भेदभा्व की खबरें तको अक्सर सामने आती ही रहती हैं । कहीं दलित समाज के िकोगों कको धार्मिक संसथानों में प्रवेश से रकोका जाना तको कभी दलित हकोने के कारण उतपीड़न और भेदभाद्व का सामना करने जैसी खबरें रकोज़ अखबारों की रतुतख्सया बनती हैं । लेकिन दतुभा्सगय की बात है कि शिक्ा के क्ेत्र में देश का अगणी राजय कहे जाने ्वाले केरल में ्वामपंथी सत्ा के सियासी संसकारों ने जमीनी सतर पर ऐसा माहौल बना दिया है जिसमें दलितों का हित किसी भी सतर पर रतुरतक्त नहीं दिख रहा है । ताजा मामला केरल की महातमा गांधी यतुतन्वतर्सटी में रिसर्च स्कॉलर दीपा मकोहानन का है जिनहें दलिता हकोने के कारण झेलने पड़े भेदभा्व के खिलाफ भूख हड़ताल की राह अपखतयार करने के लिए मजबूर हकोना पड़ा । ्वह साल 2011 से ककोट्टयम की महातमा गांधी यतुतन्वतर्सटी में नेनकोटेक की छात्रा हैं । दीपा ने करॉिेज प्शासन पर जातिगत भेदभा्व का आरकोप लगाया है ।

छात्रा को दलित होने की सजा
दीपा के मतुताबिक उनके साथ एमफिल में दाखिला लेने की शतुरूआत से ही भेदभा्व किया जा रहा है । मकोहानन के आरकोप के मतुताबिक त्वज्ञान की स्कॉलर हकोने के बा्वजूद उनहें करॉिेज
की लैब इसतेमाल नहीं करने दी जाती । उनका परीक्ाओं में गलत तरीके से मूलयांकन किया जाता है और करॉिेज उनके सामने बाधा खड़ी कर रहा है । दीपा ने बताया कि उन पर दलित हकोने के कारण कई बार आपतत्जनक तट्पतणयां की गई हैं । मसलन उनसे कई बार कहा गया है कि ‘ दलितों में रिसर्च करने लायक समझ नहीं हकोती ।’ ‘ ्वह अधिकतर चकोरी का काम करते हैं ।’ और ‘ दलितों की मौजूदगी से इंसटीट्ूट की प्तत्ठा पर बतुरा असर पड़ता है ।’
पीनडता पर प्रशासन का डंडा
दीपा ने अपने त्वभाग के जरॉइंट डायरेक्टर नंदकुमार कलारिक्कल कको भेदभा्व का कसूर्वार ठहराया है । उनका आरकोप है कि प्रोफेसर नंदकुमार दलित हकोने के कारण उनकी शिक्ा में रूका्वटें खड़ी कर रहे हैं । उनहोंने त्वश्वत्वद्यािय के ्वाइंस चांसलर सबतु थकोमस पर भी नंदकुमार कको बचाने का आरकोप लगाया है । दीपा का कहना है कि उनहोंने प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत दर्ज की है और इसकी जांच भी जारी है लेकिन इसके बा्वजूद उन पर ककोई ठकोर कार्स्वाई नहीं हतुई है और ्वे कलारिक्कल संसथा में पढ़ा रहे हैं । उनहें न ही अब तक उनके पद से हटाया गया है और न ही निलंबित किया गया है बपलक इसके ठीक उलट दीपा मकोहानन कको ही दको बार हिरासत में लिया जा चतुका है ।
विश्तिद्ािय प्रशासन अन्ाय पर आमादा
रिपकोट्ड के मतुताबिक , यह मामला पांच साल पहले उस समय सामने आया था , जब दीपा ने शिकायत की थी कि नंदकुमार उनहें दलित हकोने
24 दलित आं दोलन पत्रिका fnlacj 2021