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सुमित चौहान fn

आरषिण पर अं कु श : दलित विरोधमी के जरमीवाल आरषिण का अधिकार छीनने पर आमादा आरषिण के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची आप सरकार

्िी और पंजाब के सरकारी दफ़तरों में बाबा साहब डॉ आंबेडकर की त्वीर लगाकर ख़ुद को दलितों की हितैषी दिखाने वाली आम आदमी पारटी की सरकार का दलित विरोधी मनुवादी चेहरा एक बार फिर से बेिक़ाब हो गया है । तद्िी के बाद अब पंजाब में भी आम आदमी पारटी की सरकार द्ारा डंके की चोट पर खुलेआम बहुजनों की हकमारी की जा रही है । बहुजनों को उनके तह्से का आरक्षण ना मिल सके इसके लिए मान सरकार हाईकोर्ट पहुँच गई है । जी हाँ , आपने सही सुना । पंजाब सरकार ने हाईकोर्ट में कहा है कि दलितों को आरक्षण नहीं दिया जाना चाहिए । सवाल है कि आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के निदवेि पर पंजाब की भगवंत मान सरकार बहुजनों के आरक्षण के खिलाफ खुलकर काम कर रही है या अपनी मजटी से ? अगर अपनी मजटी से भगवंत मान की अगुवाई वाली सरकार ने यह कदम उ्ठाया होता तो केजरीवाल को इसके खिलाफ खड़छे होना चाहिए था । लेकिन वह पूरे मामले में मौन हैं तो इसका साफ मतलब यही है कि ऐसा करने में उनकी सहमति भी है और उनका निदवेि भी ।
क्ा है पूरा मामला
दरअसल पंजाब में एडवॉकेट जनरल के
ऑफिस में आरक्षण लागू करने की माँग की गई थी । एडवॉकेट जनरल किसी राजय की सरकार का सबसे बड़ा वकील होता है जो हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में राजय सरकार का पक्ष रखता है । एक राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक अखबार की खबर के मुताबिक पंजाब के वकील ओपी इंदल ने पिछले साल राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग में शिकायत की थी पंजाब सरकार लॉ अफसरों की नियुक्त में आरक्षण की सुविधा नहीं दे रही जबकि ‘ पंजाब सेड्ूि कास्टस एणड वैकवर्ड ्िासेज ( रिजववेशन इन सर्विस ) ए्र 2006 ’ के हिसाब से उनहें ऐसा करना चाहिए । बताया जाता हे कि नयायपालिका की निष्पक्षता को प्रभावित करने के लिए इस तरह का कदम उ्ठाया जा रहा है ताकि अपने मननुताबिक लोगों को नियु्त कर अपनी कार्तातियों को छुपाया जा सके ।
एससमी कममीशन ने दिया था आदेश
इस मामले की शिकायत पर राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने अग्त 2021 में पंजाब सरकार को एडवॉकेट जनरल ऑफिस में आरक्षण लागू करने का ऑर्डर दिया था । एससी कमीशन के इस ऑर्डर के बाद जनवरी 2022 में पंजाब की ततकािीन चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने अपना जवाब दायर करते हुए
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