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कहा था कि आदेश के मुतातबक़ एडवॉकेट जनरल ऑफिस में लॉ ऑतफसर की नियुक्त में एससी और बीसी वगगों को आरक्षण दिया जाएगा । लेकिन इसके बाद हुए विधानसभा चुनाव में आम आदमी पारटी की सरकार बन गई । आम आदमी पारटी ने चुनाव के दौरान बड़छे जोर-शोर से दलितों के सममाि का मुद्दा उ्ठाया था और वंचित समाज को उनका हक दिलाने का वादा किया था । इसी वायदे पर भरोसा करके पंजाब के दलित समाज के लोगों ने खुलकर आम आदमी पारटी के समर्थन में बढ़-चढ़कर मतदान किया जिसके नतीजे में वहां पूर्ण बहुमत के साथ आप की सरकार
बनी । लेकिन सरकार बनने के बाद आप ने अब अपना असली रंग दिखाना आरंभ कर दिया है और जिस तरह से तद्िी में दलितों की हकमारी का कोई मौका नहीं छोड़ा जा रहा उसी राह पर अब पंजाब की आप सरकार भी बढ़ चली है ।
मान ने पलट दिया चन्नी का फै सला
भगवंत मान ने कुसटी पर बै्ठिे के बाद अनमोल रतन सिद्धू को नया एडवॉकेट जनरल बना दिया । कुसटी सँभालते ही एडवॉकेट जनरल अनमोल रतन सिद्धू ने मान सरकार से कहा कि एससी कमीशन के आदेश पर अगर आरक्षण लागू किया गया तो इससे काम पर बुरा असर पड़ेगा । इसके बाद पंजाब की भगवंत मान सरकार ने चन्नी सरकार के फैसले को पिरछे हुए एससी कमीशन को लिख दिया कि लॉ ऑतफसर की नियुक्तयों में एससी और बीसी को आरक्षण नहीं दिया जा सकता । जाहिर है कि भगवंत मान की सरकार ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले पारटी में सलाह मशविरा भी किया होगा और अपने सुप्रीम कमांडर को विशवास में लेकर उनसे निदवेि भी लिया होगा । फै सले को हाईकोर्ट में दमी चुनौतमी
पारटी में आम सहमति बनाकर ही इतना बड़ा कदम उ्ठाया गया कि एससी कमीशन के फैसले के तख़िाफ पंजाब की भगवंत मान सरकार हाईकोर्ट पहुँच गई । पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में भगवंत मान सरकार ने एससी कमीशन के फैसले को चुनौती दी है । यानी पंजाब की आम आदमी पारटी की सरकार दलितों . तप्ड़ों के आरक्षण की हकमारी करने के लिए एड़ी . चोटी का ज़ोर लगा रही है । आप सरकार का पूरा प्रयास है कि किसी भी तरह दलितों से आरक्षण का हक छीना जाए और इसके लिए योगयता को आधार बनाकर यह साबित करने का प्रयास हो रहा है कि दलित वर्ग इतना योगय नहीं है कि उसके सामरय्य पर विशवास किया जाए ।
चुनाव में दलित हितैषमी बाद में हकमारमी
एक तरफ आप सरकार बाबा साहब के नाम पर मयूतज़कल कार्यक्रम करवा कर ख़ुद को दलितों की सबसे बड़ी हितैषी के तौर पर पेश करती है और दूसरी ओर अंदर ही अंदर उनके तख़िाफ काम कर रही है । पंजाब में अरविंद केजरीवाल की पारटी ने दलितों के दम पर ही जीत हासिल की है । पंजाब में दलितों की आबादी 32 फीसदीः है और दलितों ने बड़ी संखया में आप को वोट किया लेकिन चुनाव में जो पारटी दलितों की भलाई का वादा कर रही थी , अब सत्ा में आने के बाद वही पारटी दलितों के तख़िाफ फैसले कर रही है । हालांकि पंजाब के लोगों को तद्िी में दलितों की हकमारी के बारे में जानने के बाद ही आप को अपना समर्थन देना चाहिए था । लेकिन आप के वायदों पर भरोसा करके उसकी तद्िी सरकार के कामकाज को गहराई से परखने की जरूरत महसूस नहीं की गई जिसका बहुत बड़ा खामियाजा आज वहां के मासूम दलितों को भुगतने के लिए विवश होना पड़ रहा है ।
आप सरकार की हो रहमी आलोचना
इस बारे में वररष््ठ परिकार और लेखक दिलीप सी मंडल ने ट्विटर पर लिखा ‘ जब भी कोई बाबा साहब आंबेडकर का ज़यादा नाम ले और ज़ोर से तज़ंदाबाद बोले , तो फौरन सावधान हो जाना चाहिए । समझ लीजिए कि आपकी जेब कटने वाली है ।’ यानी अरविंद केजरीवाल ने ज़ोर से बाबा साहब तज़ंदाबाद का नारा लगाया और बहुजनों की जेब काट डाली । बाबा साहब की त्वीर दिखाकर दलितों को ्ठगने का काम हो रहा है । अरविंद केजरीवाल और भगवंत मान को ये समझना चाहिए कि दलितों का भला तसफ्फ बाबा साहब की त्वीर लगाने से नहीं होने वाला बल्क उनहें सत्ा और तस्रम में भागीदार भी बनाना होगा । आम आदमी पारटी की सरकार के कथनी और करनी के इस दोहरेपन की कड़ी निंदा की जानी चाहिए । �
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