eMag_Aug2022_DA | Page 12

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नागरिकता संशोधन अधिनियम ( सीएए ) का विरोध करते हुए भारत के प्रधानमंरिी नरेंद् मोदी और गृह मंरिी अमित शाह को ‘ प्रवासी ’ कहा था । “ उनके घर गुजरात में हैं लेकिन वे तद्िी आ गए हैं ।” इसी प्रकार अधीर रंजन ने वर्ष 2020 में बजट सरि के दौरान बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा था कि “ ये महातमा गांधी को गाली देते हैं । ये रावण की संतान हैं ।” आगे अधीर ने कहा था कि “ भाजपा के सांसद मोदी के चापलूस हैं ।” इस पर बीजेपी नेताओं ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि “ हम इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा नहीं कहते ।” इस पर अधीर ने आगे कहा था , “ गंगा और नाली की तुलना नहीं की जा सकती ।” इसी प्रकार पसशिम बंगाल के बशीरहाट में एक जनसभा के दौरान अधीर रंजन ने कहा था कि “ मैं पातक्तािी हूं । तुम लोगों को जो करना है कर लो ।” पीएम नरेनद् मोदी और गृहमंरिी अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा था कि “ ये उनके पिता जी की खेती नहीं है ।” यानी अधीर की आदत रही है कि विरोध करने के क्रम में वे मर्यादा की सीमा लांघ जाते हैं और बाद में अगर विवाद हो जाए तो जुबान फिसलने का बहाना बना कर प्िा झाड़ लेते हैं ।
माफी नहीं काफी : भुगतना होगा परिणाम
हालांकि राष्ट्रपत्ी करार देकर महामहिम का महा-अपमान करने के बाद अधीर बुरे फंस गए और बचने की कोई राह नहीं दिखने के बाद उनहोंने बिना शर्त , बहानेबाजी या लाग-लपेट के ्पष्र और दो-टूक ि्दों में राष्ट्रपति को परि लिख कर उनसे अपने करतूत की क्षमा याचना कर ली । वर्ना उनके खिलाफ संसद से सड़क तक प्रचंड विरोध एवं आक्रोश का जो माहौल बन था उससे बच कर निकल पाना उनके शायद ही संभव होता । जहां एक ओर सत्ापक्ष के तमाम आदिवासी सांसदों ने लोकसभा अधयक्ष के सामने औपचारिक तौर पर शिकायत दर्ज कराके उन पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी वहीं दूसरी ओर ना सिर्फ राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसका
संज्ाि लेकर कार्रवाई शुरू कर दी थी बल्क कई जगह उन पर मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया था । इसके अलावा आम लोग महामहिम के महा-अपमान से उद्ेतित होकर हर तरह से अपना विरोध दर्ज करा रहे थे और देश के कोने-कोने से विरोध प्रदर्शन की खबरे सामने आ रही थीं । ऐसे में राष्ट्रपति को परि लिखकर माफी मांगने की पहल करके अधीर ने निजी तौर पर अपना बचाव अवशय कर लिया है लेकिन लोकसभा में विपक्ष का मुखिया होने के नाते उनकी इस करतूत का खामियाजा उनके दल को निसशित ही भुगतना होगा । ऐसी खबरें हैं कि कई आदिवासी बहुल इलाकों में अधीर की पारटी कांग्रेस के नेताओं का प्रवेश वर्जित कर दिया गया है । आम लोग इस बात को बेहतर समझ रहे हैं कि अधीर ने मुर्मू का जो अपमान किया है वह उनका वयस्तगत मामला नहीं है बल्क इसमें कांग्रेस पूरी तरह सहभागी है । वर्ना ऐसा कैसे हो सकता था कि महामहिम के महा- अपमान को लेकर कांग्रेस की ओर से अधीर के खिलाफ कोई कुछ ना बोले ... इसके लिए माफी ना मांगे और अधीर पर पारटी की ओर से कोई कार्रवाई ना की जाए । ऐसा हुआ है तो कांग्रेस की यह चुपपी इस बात का प्रमाण है कि महामहिम
का महा-अपमान गलती से नहीं हुआ बल्क जान-बूझकर किया गया है । ऐसे में माफी को कैसे काफी माना जा सकता है ... इसका परिणाम तो कांग्रेस को भुगतना ही होगा ... खास तौर से देश भर के आदिवासी बहुल इलाकों में ।
अपमानित करने का सिलसिला पुराना
सच तो यह है कि गंदी जुबान और निरंकुशता कांग्रेस की फितरत बन गई है । शायद कांग्रेसियों को लगता है कि गांधी-नेहरू खानदान के वारिसों के अलावा दूसरा कोई भी भारत की सत्ा को संचालित करने के लायक नहीं है ! तभी तो प्रधानमंरिी बनने के पहले और बाद में नरेनद् मोदी को इतनी गालियां दी गई हैं कि उसका वर्णन करना भी ‘ अपशाब्दक ’ होगा । वह कांग्रेसी ही थें जिनहोंने भाजपानीत राजग की ओर से नरेनद् मोदी को प्रधानमंरिी पद का उममीदवार घोषित किए जाने के बाद से नीचता की हद पार करने का जो सिलसिला शुरू किया वह आज तक जारी है । मोदी को निशाने पर लेकर उनहें नीचा दिखाने और उनको जलील व शर्मसार करने के मकसद से उनके बारे में इतने अपि्द कहे गए जिनको सभय लोगों के बीच दोहराया भी नहीं जा सकता । उनकी मर्दानगी पर उंगली उ्ठाई गई । उनके चरररि पर लांक्षन लगाया गया । उनकी शिक्षा-दीक्षा पर प्रश्नचिनह लगाया गया । उनकी पत्ी और परिवार तक को राजनीति में घसीटा गया । उनके दिवंगत पिता के कारोबार तक का मजाक बनाया गया । उनकी जाति को लेकर सवाल उ्ठाए गए । उनहें आदमखोर तक कहने से गुरेज नहीं किया गया । उनकी बोटी- बोटी अलग कर देने की बात कही गई । यह सब घृणित व्तवय दिया उन कांग्रेसियों ने जिनहें यह हजम नहीं हो रहा था कि एक नीची जाति का सामानय-सा चाय वाला भी देश का प्रधानमंरिी बन सकता है । ऐसा ही हुआ है द्ौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनने पर । कांग्रेसियों को यह सहन ही नहीं हो रहा है कि वंचित समाज के लोग आगे आकर देश का नेतृतव कर रहे हैं और उनहें लगातार जनता नकार रही है ।
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