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दलित राजनीति को िवकास से जोडने पर होगा बदलाव
डा . राधेशयाम
में दलित वर्ग को रयाजनीति से जोड़ने कया श्े् डॉ भीम रयाव भयारत
आंबेडकर को जयातया है । अपने पूरे जीवन में डॉ आंबेडकर ने दलित वर्ग के सर्वकल्याण की जो क्पनया की थी , उस पर कया््ग करते रहे । परिणयाम दलितों की लस्लत्ों में प्रयारमभ हतुए सतुखद बदियाव के रूप में सभी ने देखया । डॉ आंबेडकर के देहयावसयान के बयाद सिर्फ रयाजनीतिक हित और दलित वोट हयालसि करने की होड़ शतुरू हतुई और फिर भयारत में दलित रयाजनीति के जनक डॉ . आंबेडकर को हल््याने की कोशिश प्रयारमभ हो गयी । पिछले कुछ वषगों से दलित नेतयाओं ने डॉ . आंबेडकर कया रयाजनीतिक इसतेमयाि केवल वोट बटोरने के प्रतीक के रूप में लक्या और डॉ आंबेडकर की लवियार धयारया को उसके क्लनतकयारी सयारततव से विरकत कर लद्या है । दलित आबयादी भयारत की कुल आबयादी कया लगभग एक चौ्याई हिस्सा है । इतनी बड़ी आबयादी की रयाजनीति की देश की रयाजनीति में प्रमतुख भूमिकया होनी ियालहए परन्तु वयासतव में ऐसया है नहीं । वर्तमयान में दलितों के नयाम पर सलक्् अधिकयांश रयाजनीतिक दलों की रयाजनीति व्लकतवयादी , जयालतवयादी , अवसरवयादी , लसदयानतहीन , मतुद्दाविहीन और अधिनया्कवयादी है । इनके नेतया आंबेडकर और दलितों के नयाम पर व्लकतरत ियाभ के लिए अलग अलग पयालटटियों के से गठजोड़ करते रहते हैं । इसी रयाजनीति के फलसवरूप आज दलित वर्ग कई तरह की कमजोरियों कया शिकयार हो ितुकया है और दलित वर्ग राष्ट्रीय रयाजनीति के केंद् में न होकर हयालश्े पर है । कई दशकों से कथित कल्याण के नयाम
पर दलित नेतया दलितों कया भयावनयातमक शोषण करके उनकया अपने ियाभ के लिए इसतेमयाि कर रहे हैं । परिणयामसवरूप दलित सिर्फ इन दलित नेतयाओं और दूसरी पयालटटियों के लिए वोट बैंक बन कर रह गए और दलित वर्ग से जतुड़े मूल मतुद्े , गरीबी , भूमिहीनतया , बेरोज़रयारी , अशिक्षा , उतपीडन और सयामयालजक तिरस्कार कही पीछ़े छूट गए हैं । वर्तमयान दलित रयाजनीति अपने जनक डॉ . आंबेडकर की लवियारधयारया , आदशगों और लक््ों से पूरी तरह भटक ितुकी है ।
वर्तमयान दलित रयाजनीति लसदयानतहीन एवं अवसरवयादी गठजोड़ कया शिकयार है । मया्यावती कया बहतुजन अब सर्वजन की शरण में नतमसतक है और व्वस्था परिवर्तन की जगह समरसतया की घतुट्टी पीकर मसत है । इसी तरह से मनतुवयाद को पयानी पी पी कर रयािी देने वयािे इंडियन जलसटस पार्टी के राष्ट्रीय अध्क् उदितरयाज अब उसी कयांग्रेस के नेतया है , जो कयांग्रेस दशकों से दलित वर्ग के कल्याण के नयाम पर सिर्फ वयादे ही करती रही । इसी प्रकयार अन् दलित
46 दलित आंदोलन पत्रिका vxLr 2021