eMag_Aug2021_DA | Page 31

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इकयाई कया अंग हैं , ( 3 ) शतुरू में केवल एक ही जयालत थी , और ( 4 ) इनहीं वरगों में देखी-देखी ्या बहिष्कार से विभिन्न जयालत्यां बन गईं ।
आज भयारत में जयालत-समस्या ने एक दिलचसप मोड़ ले लि्या है , क्ोंकि इस अप्रयाकृतिक विधयान को लतियांजलि देने के लिए सतत प्र्त् हो रहे हैं । सतुधयार के ये प्र्त् जयालत्ों के मूल से संबंधित विवयादों से उतपन्न हतुए हैं कि क्या यह प्र्या सवनोच्च सतर के आदेशों से हतुई ्या विशिषट पररलस्लत्ों में मयानव समयाज के सहज विकयास कया प्रतिफल है । जो व्लकत बयाद के लवियार के पक्धर हैं , मतुझे आशया हैं कि उनहें इस प्रबंध से कुछ लवियार सयामग्री मिलेगी ।
इस विषय के व्यावहयारिक महत्व के सया् ही जयालत प्र्या एक सर्वव्यापी व्वस्था है और इसकया सैदयांलतक आधयार जयानने की उतकंठया मतुझ में जगी । उसी के परिणयामसवरूप मैंने अपने लवियार आप लोगों के सम्मुख उपलस्त किए , जिनहें मैं सया््गक मयानतया हूं और वे बयातें आपके समक् रखीं , जिन पर यह व्वस्था टिकी है । मैं इतनया हठधमटी भी नहीं हूं कि यह सोच लूं कि मेरया कथन ब्ह्म वयाक् है ्या इस लवियार- विमर्श में योगदयान से बढ़कर कुछ है । मैं सोचतया हूं कि धयारया कया प्रवयाह गलत दिशया में मोड़ लद्या र्या है और इस आलेख कया प्रया्लमक उद्ेश् यह बतयानया है कि अनतुसंधयान कया सही मयार्ग कौन
सया है , तयालक एक सत् उजयारर हो । हमें इस विषय के विशिेषण में पक्पयात रहित रहनया है । भयावनयाओं के लिए कोई स्थान नहीं होनया ियालहए , बल्क इस विषय पर वैज्ञानिक और निषपक् रूप से लवियार लक्या जयाए । मैं इस बयात से प्रसन्न हूं कि मेरया दृलषटकोण सही दिशया में है , मतुद्े पर जो असहमति है , वह तयालक्कक है , फिर भी कुछ बयातों पर सदया असहमति बनी रह सकती है , अंत में मतुझे इस बयात पर गर्व है कि मैंने जयालतप्र्या के बयारे में एक सिदयांत प्रतिपयालदत लक्या है । यदि यह आधयारहीन लगेरया तो मैं इसे लतियांजलि दे दूंरया ।
( समापत ) vxLr 2021 दलित आंदोलन पत्रिका 31