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नेहरू रिपोर्ट और विभाजन की पृष्ठभूमि

अनंत विजय

प्रधानमंत्ी नरेनद्र मोदी ने सिाधीनता के अमृत महोतसि वर्ष में विभाजन विभीषिका समृवत दिवस मनाने का आह्ान देश की जनता से किया था । इस दिवस को भारत सरकार ने गजट में नोटिफाई किया था और कहा था कि भारत की वर्तमान और भावी पीवढयों को विभाजन के दौरान लोगों द्ारा सही गई यातना और वेदना का समरण दिलाने के लिए 14 अगसत को विभाजन विभीषिका समृवत दिवस के रूप में घोषित करती है । जब यह घोषणा हुई तो पूरे देश में विभाजन के दर्द को सहने वाले और उसको महसूस करनेवाले लोग सामने आए और आपबीती साझा की । एक समाचार पत् ने भी पिछले वर्ष देशभर के उन लोगों को खोज निकाला था , जिनहोंने विभाजन के दौरान अपना सब कुछ गंवा दिया । कालांतर में अपने सामथय्ष और पुरुषार्थ से उठ खड़े हुए थे । भारत विभाजन मानवता के इतिहास की बेहद दर्दनाक और

शर्मनाक घटना है । देश की भावी पीवढयों को इसका समरण रखना चाहिए । विभाजन विभीषिका समृवत दिवस की समृवतयों को जनमानस में जीवित रखने के लिए यह भी आवशयक है कि इस दिशा में अकादमिक जगत में लगातार शोध हों । इसके कारणों की पड़ताल हो । दबा या छुपा दिए गए तथयों का अनिेरण हो । इतिहास के उन पन्नों को पलटा जाए जिनमें कई राज दबे हुए हैं । आइए आधुनिक भारत के इतिहास के एक ऐसे अधयाय के कुछ पन्नों को पलटते हैं जिनमें विभाजन के बीज देखे जा सकते हैं ।
इतिहासकारों के अनुसार बीसबीं शताबदी में सिाधीनता संग्ाम के दौरान तीन कालखंड में सिाधीनता को लेकर गंभीर कोशिशें हुई । कुछ इतिहासकार इसको राषट्िाद का उफान मानते हैं । राषट्िाद की पहली लहर 1920 में उठी जो दो वर्ष तक चली और 1922 में मद्धिम पड़ गई । दूसरी लहर पहले की अपेक्षा लंबे समय तक चली और 1930 में आरंभ होकर चार िरथों के
बाद 1934 में थोड़ी सुसत हुई । तीसरी बार राषट्िाद का जिार 1942 में उठा और करीब साल सवा साल के बाद 1943 में धीमा पड़ा । लेकिन राषट्िाद के इन उफानों के बीच भी सिाधीनता को लेकर , उसको हासिल करने के प्रयासों को लेकर , सिाधीनता की ओर बढने के तरीकों को लेकर विमर्श , बैठकें और शासन वयिसिा में सुधार आदि होते रहे । आमतौर पर जिन्ना को विभाजन का जिममेदार ठहरा दिया जाता है । उसकी भूमिका में किसी को कोई संदेह नहीं है । लेकिन विभाजन की पृषठभूमि के लिए सिर्फ जिन्ना नहीं बल्क अंग्ेज और भारतीय मुसलमानों की महातिाकांक्षाएं भी जिममेदार रही हैं । कांग्ेस के कई नेता भी । विभाजन के प्रसताि को सिीकार करने की बात नहीं कर रहा हूं वो तो ज्ात ही है कि किस तरह से कांग्ेस के उस समय के शीर्ष नेतृति ने माउंटबेटन की विभाजन की योजना को सिीकृति दी । यहां बात करना चाहता हूं विभाजन की पृषठभूमि या भूमिका तैयार
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