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दलितों-पिछड़ों का भाजपा में भरोसा दलितों ने जतञायञा क्िकञास पर क्िश्वास वोट की ठे के दञारी को वंचितों ने दिखञायञा ठें गञा
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च राज्यों में समपन्न हुए विधानसभा चुनावों में भारती्य जनता पार्टी ( भाजपा ) ने उत्र प्रदेश , उत्राखंड , गोवा और मणिपुर में सत्ा बरकरार रखी , जबकि पंजाब में पार्टी को सिर्फ दो सीर् ही हासिल हुई । चुनावों के परिणाम सामने आने के बाद दलित राजनीति करने वाले दल सकते की ससरवत में है । इसका अर्थ ्यह भी लगा्या जा सकता है कि भाजपा की आधुनिक विकासवादी अवधारणा आम जनता की जातिगत सोच में बदलाव का वाहक बन रही है । विकासवादी सोशल-इंजीवन्यरिंग का सकारातमक असर गरीब , दलित और पिछड़े वर्ग की उस जनता पर देखा जा सकता है , जो दशकों से जाति की राजनीति करने वाले दलों के लिए सिर्फ वोर् हासिल करने का एक माध्यम से ज्यादा कुछ नहीं थे ।
यूपी में टूटी जञाक्त की जकडि
जातिगत राजनीति की बड़ी प्र्योगशाला के
रूप में उत्र प्रदेश को देखा जा सकता है । किसी सम्य प्रदेश में निगम से लेकर लोकसभा तक के चुनाव में जाति , उपजाति ्या वर्ग की बड़ी भूमिका होती थी । वपिडों और दलित वोर् के साथ मुससलम वोर् बैंक को मिलाकर सपा , बसपा जैसे दल सत्ा में आ्ये । राजनीति एवं सरकार की रणनीति केवल जाति , उपजाति और वर्ग के दा्यरे में ही सिमर्ी रही । लेकिन केंद्र में सत्ा
संभालने के बाद प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी ने जाति , उपजाति और वर्ग की उन सीमाओं को तोडना प्रारमभ कर वद्या । प्रधानमंत्ी मोदी ने विकास की राजनीति का वह पैमाना सामने रखा , जिसकी आवश्यकता देश के समग् विकास के लिए सितंत्ता के बाद से थी । वोर् बैंक के रूप में िषणों से अपने वासतविक विकास की राह देख रहे गरीब , दलित , पिछड़ा वर्ग के हितों के उद्ेश्य
18 दलित आं दोलन पत्रिका vizSy 2022