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मायावती : जैसी करनी वैसी भरनी
एस आर दारापुरी gk
ल के उत्र प्रदेश विधान सभा चुनाव ने एक बार फिर बहुजन समाज पार्टी ( बसपा ) के निरंतर पतन को उजागर वक्या है । इसमें बसपा को केवल एक सीर् मिली है और उसका बुरी तरह से सफा्या हो ग्या है जबकि मा्यावती का पूर्ण बहुमत से सरकार बनाने का दावा था । इसमें बसपा का वोर् प्रतिशत 2017 में 22.3 % से घर् कर केवल 12.7 % रह ग्या है । इस की 2017 में 19 सीर्ें घर् कर केवल एक रह गई है और वह भी प्रत्याशी ने अपने बल पर जीती है ।
निरंतर पतन कञा सिलसिलञा जञारी
इस प्रकार वोर् प्रतिशत में लगभग 10 प्रतिशत की गिरािर् आई है । ्यह भी विदित है कि 2007 में बसपा ने 206 सीर्ें जीती थीं और इसका वोर् प्रतिशत 30.43 % था । 2009 के लोक सभा चुनाव में बसपा ने 21 सीर्ें जीती थीं और इसका वोर् प्रतिशत 6.1 % था । 2012 के विधान सभा चुनाव में बसपा का वोर् शे्यर 26 % था और उसने 80 सीर्ें जीती थी । 2014 में बसपा को लोकसभा चुनाव में एक भी सीर् नहीं मिली थी पर उसका वोर् शे्यर 4.1 % था । 2019 लोकसभा चुनाव में सपा के साथ गठबंधन से बसपा को 10 सीर्ें मिली थीं और उसका वोर् शे्यर 4.2 % था । उपरोकत विवरण से सपष्ट है कि उत्र प्रदेश में 2007 के बाद लोकसभा तथा विधान सभा चुनाव में बसपा की सीर्ें तथा वोर् प्रतिशत निरंतर गिरता रहा
अहंकञार और भ्रष् नीक्त से अधोगक्त दलगत मञायञा मोह से दूर हुए दलित
है और 2022 के चुनाव में निम्नतम सतर पर पहुँच ग्या है । ऐसे में ्यह प्रश्न उठता है कि ऐसा क्यों हुआ और इसके लिए कौन जिममेदार है ? क्या इसके लिए इसका नेतृति जिममेदार है ्या इसकी नीवत्याँ जिममेदार हैं अथवा दोनों ? क्या ऐसी परिससरवत में पार्टी के नेतृति तथा नीवत्यों में आमूलचूल परिवर्तन की आवश्यकता है ? ्यवद है तो क्या ्यह संभव है और इसके लिए किन उपा्यों की आवश्यकता है ?
पररिञार और चञाटुकञार की पार्टी
आइए सबसे पहले बसपा में नेतृति की ससरवत देखें । जैसाकि सभी अवगत हैं कि 2006 में कांशीराम के जीवित रहते ही मा्यावती बसपा की राषट्रीय अध्यक् बन गई थी । तब से लगभग 16 वर्ष से वह बसपा की सिवेसर्वा रही है । ्यह भी ज्ातव्य है कि कांशी राम के रहते तथा
उसके बाद बसपा में मा्यावती के अलावा कोई भी दूसरा नेतृति उभरने नहीं वद्या ग्या । ्यह भी सर्वविदित है कि कांशीराम के रहते ही मा्यावती ने पार्टी में कांशीराम के नजदीवक्यों को एक एक करके पार्टी के बाहर कर वद्या था और अपने विशिासपात्ों को पार्टी में पद दे दिए थे । कांशीराम ने कहा था कि मेरे परिवार का कोई भी सदस्य पार्टी में पदाधिकारी नहीं बनेगा । परंतु मा्यावती ने सबसे पहले अपने भतीजे आकाश आनंद को 2021 में पार्टी में नेशनल को-आर्डिनेर्र का उच् पद वद्या और अब उसके मा्यावती के उतराधिकारी बनने की भी चर्चा है । इधर 9 फरवरी , 2022 को उत्र प्रदेश विधान सभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के एक दिन पहले मा्यावती ने अपने भाई आनंद कुमार को पार्टी का राषट्रीय उपाध्यक् तथा अपने भतीजे आकाश आनंद
16 दलित आं दोलन पत्रिका vizSy 2022