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सिामी श्रद्ाननद सिामी द्याननद
दलितयों के लिए बिरादरी से बाहर
डॉ विवेक आ ्य
हो गए चौधरी
1920 के दशक में ्वामी श्रदाननद ने दलितोदार का संकल् लिया । उस काल में दलित कहलाने वाली जनजातियों को सार्वजानिक कुओं से पानी भरने की अनुमति नहीं थिी । इस अतयाचार के विरुद आर्यसमाज के शीर्ष नेता ्वामी श्रदाननद ने आंदोलन चलाया । उनहोंने पहले महातमा गांधी और कांग्ेस से दलितों के हक के लिए सहायता मांगी पर उनहें निराशा ही हाथि लगी । अंत में उनहोंने आर्यसमाज के मंच से महान कार्य को प्रारमभ किया । स्थान-स्थान पर ्वामी जी के आह्ान
शीशराम
से प्रेरित होकर आयषों ने दलितों को अपने कुओं से पानी भरवाना आरमभ किया ।
भागपुर गांव , तहसील बेरी , जिला झज्जर , हरियाणा प्रानत के निवासी चौधरी शीश राम आर्य गांव के बड़े जाट जमींदार थिे । आपने अपने खेत में स्थित कुंए को दलितों के लिए पानी भरने हेतु खोल दिया । उनके इस महान कर्म की प्रशंसा करने के स्थान पर आपका पुरजोर विरोध उनकी बिरादरी ने किया । उनहें दो वर्ष के लिए बिरादरी से निष्काषित कर दिया गया । उनके सुपुत्र शेर सिंह उस समय आठवीं कक्ा में थिे तो उस समय की प्रचलित प्रथिा के अनुसार
आपका विवाह जाट गोत्र की कनया से तय हो गया थिा । जब शेर सिंह के ससुराल ्क् को मालपूम चला कि अपने अपने कुओं पर दलितों को चढ़ा दिया है । तो उनहोंने आ्सत् कर दी ।
चौधरी शीशराम पर रर्ता तोड़ने का दवाब तक बनाया गया । शीशराम जी ने कहा मुझे रर्ता तोड़ना ्वीकार है , मगर दलितों के साथि हो रहे अनयाय का समथि्णन करना ्वीकार नहीं हैं । अंत में शेर सिंह का रर्ता टूट गया । मगर ्वामी दयानंद के सैनिक जातिवाद को मिटाने में कामयाब हुए । बाद में जनसामानय ने उनकी चेष्टा को समझा और दलितों को सार्वजानिक कुओं से पानी भरने का किसी ने कोई विरोध नहीं किया । प्रोफेसर शेर सिंह जी ने आगे चलकर अंतर्जातीय विवाह किया एवं जाने माने राजनीसतज् एवं भारत सरकार के केंद्र में मंत्री भी बने ।
महार दलित समाज में पैदा होकर दलितों के लिए कुंए खुलवाने वाले डॉ भीम राव आंबेडकर का नाम तो सभी राजनीतिक पार्टियां लेती है । मगर सवर्ण समाज में पैदा होकर दलितों के लिए संघर्ष करने वाला आपको कोई ्वामी दयानंद का शिष्य ही मिलेगा । आर्यसमाज के जातिवाद को मिटाने के संकल् में भागी बने । तभी यह देश बचेगा । यह प्रेरणादायक सं्मरण आज के समय में हम सभी को सव्व भातृतव और आपसी सद्ाव का पावन सनदेश देता हैं । �
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