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भीमरा्व रामजी रा्व आंबदे््र सदे लदे्र आज ्वतमामान में िदेश के प्रधानमंत्ी नरेंद्र मोदी इतयाति के अनदे्ानदे् प्रयासों के उपरांत भी जातत्वाद एक गंभीर समसया बनी हुई है ।
इसी तरह प्रजातत्वाद के त्वरुद्ध डा . मार्टिन लूथर किंग और डा . नेल्सन मं्डेला के गंभीर ए्वं भारी प्रयासों के बाद भी कुछ समय पहलदे प्रजाति संघर्ष सदे पूरा अमदेरिका जल उ्ठा । तद्तीय त्व््व के त्वतभन्न कारणों में सदे एक प्रमुख कारण ्वगमा्वाद था । कार्ल माकसमा , हीगल , लदेतनन इतयाति नदे साम्यवाद को ्वैश्विक सतर पर सथातपत करनदे का प्रयास किया । आर्थिक बराबरी के लिए खूनी रिांति का भी अनुमोदन किया । किनतु त्व््व नदे साम्यवाद के आकर्षण को शीघ्र ही अस्वीकार कर दिया । आज जातत्वाद , प्रजातत्वाद ए्वं आर्थिक आधार पर सथातपत ्वगमा्वाद समपूणमा त्व््व के लिए एक बड़ी चुनौती है । इस सनिभमा में यहां धयान िदेनदे ्वाला बिंदु यह भी है कि भारतीय संस्कृति मान्व-मान्व के मधय किसी भी तरह का भदेिभा्व स्वीकार नहीं करती है । प्राचीन हिनिू ग्रंथों में सामाजिक , प्रा्कृतिक
बना्वट ए्वं आर्थिक आधार पर किसी भी तरह के भदेिभा्व का उल्लेख नहीं है । ्वतमामान समय में सामाजिक त्वरमता को मान्वता के समक् एक चुनौती के रूप में िदेखा जा रहा है । सामाजिक त्वरमताओं को समापत करनदे के समसत प्रयास आशा सदे अधिक निष्प्रभा्वी सिद्ध हुए हैंI
जातत्वाद , प्रजाति ए्वं आर्थिक ्वगमा्वाद की त्वभीषिका में समपूणमा त्व््व जल रहा है । भारत में जातत्वाद उनमूलन के लिए आरक्ण और उतपीडन ए्वं भदेिभा्व नियंत्ण के लिए सं्वैधानिक प्रा्वधान किए गए । अमदेरिका में प्रजातत्वाद उनमूलन के लिए प्रजाति आधारित भदेिभा्व को असं्वैधानिक घोषितकर अ््वदेतों को मताधिकार ए्वं अफरमदेतट्व एकशन का सं्वैधानिक अधिकार दिया गया । इसी प्रकार आर्थिक भदेिभा्व समापत करनदे के लिए कार्ल माकसमा के साम्यवाद का का सहारा लिया गया । किनतु इन तीनों प्रकार के भदेिभा्व पर पूर्णरूपदेण नियंत्ण का प्रयास आज तक सफल नहीं हो पाया । ऐसदे में सामाजिक समरसता को सथातपत करनदे ए्वं सामाजिक भदेिों को मिटानदे के लिए ्वैश्विक सतर पर एक प्रतरिया
यानि सामाजिक समरसता अभियान का सृजन होना आज समय की आवश्यक मांग है I
सामाजिक समरसता अभियान और वैश्िक वयिस्ा क्रमांक कया है ?
प्रथम ए्वं तद्तीय त्व््व युद्ध नदे ्वैश्विक व्यवसथा को परर्वततमात करके ्कृतर क्देत् को स्वतंत् ए्वं ्कृर् हित संरक्ण की दिशा में सथातपत किया । राजतंत् की समाशपत के साथ किसानों को ्कृतर भूमि का स्वामित्व ए्वं ्कृतरतर कार्य के लिए सत्वाधिकार दिया गया । इसके साथ निजी क्देत् का त्व्ास ए्वं पूंजी्वाद की सथापना हुई । ्कृतर भूमि पर स्वामित्व के अधिकार नदे जहां एक ओर ्कृर्ों को वयशकतगत अधिकार िदे दिया , ्वही ओर आर्थिक सतर पर बदला्व आनदे के कारण जातत्वाद , प्रजातत्वाद ए्वं ्वगमा्वाद को पुनसथामातपत किया । इसके बाद तद्तीय त्व््व युद्ध के उपरांत बदली हुई त्व््व व्यवसथा रिम नदे जातत्वाद , प्रजातत्वाद ए्वं ्वगमा्वाद को एक नया जी्वन िदे्र इस अतयंत गंभीर बना दिया ।
24 fnlacj 2024