Dec_2023_DA | Page 33

पिछले कुछ समय से कुछ राजयों में सरकारों और राजनीतिक दलों द्ारा बड़ी मात्रा में मुफत की योजनाओं के दम पर सत्ता पर काबिज होने का प्रयास शुरू हुआ । उसके कारण उनहें कुछ हद तक सफलता भी मिलती हुई दिखाई दी । दिलली और पंजाब में आम आदमी पार्टी और उसकी सरकारों द्ारा मुफत की योजनाओं की झड़ी लगी हुई है । उधर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में भी इसी प्रकार की मुफत की योजनाएं
बड़ी मात्रा में चल रही हैं । महतवपदूण्म बात यह है कि इन योजनाओं को चलाने हेतु इन प्रांत सरकारों के पास पर्यापत धन की भारी कमी है , जिसके कारण वह एक ओर तो भारी कर्ज में डूबते जा रहे हैं , तो ददूसरी ओर इन मुफत की योजनाओं के कारण वह आवशयक मदों जैसे शिक्षा , ्वा्थय एवं आमजन को सशकत बनाने वाली अनय योजनाओं पर खर्च भी नहीं कर पा रहे हैं । इन चुनावों में भी दलों ने इन मुफत की योजनाओं की काफी घोषणाएं की ।
कांग्ेस पार्टी ने मधय प्रदेश में किसानों के कर्ज माफ करने के अलावा मुफत बिजली , गैस
सिलेंडर की ससबसडी , महिलाओं को 1500 रुपए प्रतिमाह , युवाओं को 3000 रुपए बेरोजगारी भत्ते के अलावा कई अनय मुफत की ्कीमों की घोषणा की । इसी तरह से राजस्थान में पहले से ही कांग्ेस सरकार महिलाओं को स्मार्टफोन , स्ता सिलेंडर , 25 लाख रुपए तक के इलाज के लिए फ्ी मेडिकल बीमा , एक करोड़ परिवारों को फ्ी फकूड पैके्ट आदि की योजनाएं तो चला ही रही थिी , इस चुनाव में कांग्ेस ने पहले की मुफत की योजनाओं के साथि-साथि फ्ी लैप्टॉप , फ्ी बिजली आदि की भी घोषणा भी की थिी । हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन मुफत की योजनाओं को गलत मानते हैं और इसे रेवड़ी बां्टने की संज्ा देते हैं । इसके बावजदूद भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकारों ने काफी बड़ी मात्रा में कई मुफत की योजनाओं को चलाया है , जिसमें उज्वला लाभादथि्मयों और आमजन को स्ता सिलेंडर देना , राजस्थान में 12वीं कक्षा पास करने के बाद लड़दकयों को फ्ी स्कू्टी देना आदि की घोषणा भी शामिल है । लेकिन यह भी सच है कि फ्ी बिजली , फ्ी पानी और फ्ी यात्रा आदि की योजनाओं से भाजपा ने हमेशा परहेज रखा है । लेकिन महतवपदूण्म बात यह है कि रेवडिय़ा बां्टने और नई रेवडिय़ों की घोषणा के बावजदूद मधय प्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्ेस जीत नहीं पाई और भारतीय जनता पार्टी को जनता का समथि्मन प्रापत हुआ ।
अभी तक रोजगार योजनाओं के माधयम से पैसे बां्टने , मुफत या स्ती बिजली-पानी , पेट्रोल , डीजल और गैस पर ससबसडी , स्ता राशन , शिक्षा और ्वा्थय पर सरकारी खर्च आदि को ही कलयाणकारी राजय की इतिश्ी मान लिया जाता थिा । लेकिन पिछले 9 सालों से अधिक के दौरान कलयाणकारी राजय की परिभाषा बदली है और उसमें सुधार होता दिखाई दे रहा है , जिसे जनता का समथि्मन भी प्रापत हुआ है । सबसे पहले आवास योजना में आमदूल-रदूल परिवर्तन के माधयम से प्रौद्ोदगकी का उपयोग करते हुए , आवास योजना पर खर्च की वा्तदवकता को सुदनसशरत करने का प्रयास हुआ । मात्र कुछ ही सालों में लगभग
तीन करोड़ घरों का निर्माण हुआ जिसमें पांच लाख करोड़ रुपए केनद्र सरकार द्ारा दिए गए और पंद्रह लाख करोड़ रुपए ्वयं लाभादथि्मयों ने खर्च कर , ग्ामीण और शहरी क्षेत्र में अपने लिए बेहतर घरों का निर्माण किया और बेहतर जीवन का आनंद लेना शुरू किया । एक करोड़ अतिरिकत घरों का निर्माण भी विभिन्न चरणों में है ।
उज्वला योजना के तहत दस करोड़ गरीब महिलाओं को मुफत एलपीजी कनेकशन दिया गया और बाद में उन गरीब महिलाओं द्ारा अपने खरदे पर उन सिलेंडरों को रिफिल कर अपनी सुविधा को बढ़ाया गया । आज एक वर्ष में उज्वला लाभार्थी तीन से अधिक सिलेंडर औसतन भरवाती हैं । इससे उनके ्वा्थय की रक्षा भी हुई है और समय की बचत भी । देश में लगभग सभी गांवों तक बिजली पहुंचाने से जीवन ्तर में सुधार तो हुआ ही है , संचार और इं्टरने्ट कांदत को देशभर में ले जाने में भी सफलता मिल रही है । सभी घरों में नल से जल का लक्य भी पदूण्म होने को तैयार है जिससे महिलाओं को ददूर से जल लाने नहीं जाना पड़ता और उनके समय की बचत हो रही है । हर घर में शौचालय बनने से खुले में शौच जैसे अभिशाप से मुसकत हुई है , जिसके चित्र दिखाकर भारत को पिछड़ा दिखाने का प्रयास विदेशी अकसर किया करते थिे । महिलाएं आज सममान से जी रही हैं । प्राथिदमक चिकितसा में सुधार और सबसे महतवपदूण्म आयुषमान योजना के तहत पांच लाख रुपए तक का मुफत इलाज , कम साधन संपन्न लोगों के लिए एक वरदान दसद् हो रहा है । देखा जाए तो यह सभी योजनाएं लक्षित लाभादथि्मयों के लिए हैं । अभी तक यह लाभार्थी इन सुविधाओं से वंचित थिे और पदूव्म में राजनीतिक दल उनकी गरीबी , अभाव और बेरोजगारी को ददूर करने के छलावों के साथि , उनके वो्ट ब्टोर लिया करते थिे । लेकिन अब इन लाभादथि्मयों ने पिछले 9-10 सालों में सरकार की मदद और ्वयं के प्रयासों से इन अभावों से कुछ हद तक मुसकत पाई है । इस तरह कलयाणकारी राजय की परिभाषा बदल गई है ।
( साभार ) fnlacj 2023 33