doj LVksjh
तेलंगाना के नए मुखयमंत्री रेवंत रेड्डी पार्टी नेताओं के साथ
नियुकत किए गए हैं । राजय के नए मुखयमंत्री विषणुदेव साय एक मधयमवगतीय किसान परिवार से आते है । 1989 में उनहोंने पंच का चुनाव लड़ा और उनहें जीत हासिल हुई । जिसके बाद 1990 में उनहें ग्ाम पंचायत बगिया के सरपंच के तौर पर निर्विरोध चुना गया । सरपंच बनने के बाद वह भाजपा नेता दिलीप सिंह जदूदेव के संपर्क में आए और फिर ततकालीन तपकरा विधानसभा सी्ट से दो बार विधायक चुने गए । 1999 से लेकर 2019 तक उनहोंने लगातार चार बार रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रतयाशी के रूप में चुनाव लड़ा और चार बार सांसद बने । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में ही केंद्रीय राजयमंत्री का दर्जा हासिल करने वाले विषणुदेव साय तीन बार छत्तीसगढ़ भाजपा के प्रदेश अधयक्ष भी रह चुके हैं । अबकी बार भाजपा ने विषणुदेव साय को कुनकुरी विधानसभा सी्ट से प्रतयाशी बनाया गया और उनहोंने कांग्ेस के यदूडी मिंज को 25 हजार से भी अधिक मतों से पराजित किया । अब वह राजय के चौथिे मुखयमंत्री बन चुके हैं ।
इसी तरह भाजपा के प्रदेश अधयक्ष अरुण
साव और महामंत्री विजय शर्मा अलग-अलग सामाजिक पृषठभदूदम से आते हैं । साव अनय पिछड़ा वर्ग के नेता हैं , वहीं शर्मा ब्ाह्मण वर्ग के हैं । राजय गठन के बाद यह पहली बार है कि राजय में दो उप मुखयमंत्री बनाए गए हैं और दोनों पहली बार विधायक चुने गए हैं । अधिवकता से नेता बने 55 वरतीय साव को एक गैर- विवादा्पद और त्ट्थि नेता के रूप में देखा जाता है । अरुण साव ने लोरमी विधानसभा सी्ट पर अपने निक्टतम प्रतिद्ंद्ी कांग्ेस के थिानेशवर साहदू को 45,891 वो्टों से हराया है । इसी तरह 50 वरतीय विजय शर्मा राजय में भाजपा के महामंत्री हैं । हिंदुतव के मुखर समथि्मक शर्मा ने कवर्धा निर्वाचन क्षेत्र में प्रभावशाली कांग्ेस नेता और निवर्तमान मंत्री मोहममद अकबर को 39,592 वो्टों से पराजित किया है ।
तेलंगाना
तेलंगाना में कांग्ेस पार्टी सत्ता में आई है , लेकिन यहां पर भी भाजपा ने अपनी स्थिति को मजबदूत किया है । पहली बार भाजपा का वो्ट प्रतिशत दो अंकों में पहुंच गया है और राजय की
119 सद्यों वाली विधानसभा में भाजपा को आठ सी्टें मिली हैं और पार्टी तीसरे स्थान पर आ गई है । राजय में भारत राषट्र समिति ( बीआरएस ), जिसे पहले तेलंगाना राषट्र समिति ( ्टीआरएस ) नाम से जाना जाता थिा , के मुखिया के . चंद्रशेखर राव को अबकी बार पराजय का सामना करना पड़ा । तेलंगाना में कांग्ेस ने 119 में से 64 सी्टें हासिल कर बीआरएस को सत्ता से बाहर कर दिया । बीआरएस 2014 से सत्ता में थिी , जब तेलंगाना को आंध्र प्रदेश से अलग किया गया थिा । अबकी बार राजय में भारत राषट्र समिति , कांग्ेस और भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ । कांग्ेस ने अपनी उममीदें सत्ता विरोधी लहर पर द्टकी थिीं , जबकि के . चंद्रशेखर राव के नेतृतव वाली बीआरएस सरकार ने लगातार तीसरी बार सत्ता हासिल करने का लक्य रखा थिा । भाजपा राजय में अपनी स्थिति को और मजबदूत बनाने का लक्य लेकर चल रही थिी । बीआरएस ने सभी 119 सी्टों पर उममीदवार उतारे थिे । सी्ट बं्टवारे के समझौते के अनुसार , भाजपा और अभिनेता पवन कलयाण की जन सेना पार्टी ( जेएसपी ) ने कमशः 111 और आठ
26 fnlacj 2023