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करना है । इन योजनाओं के द्ारा जनजातीय समुदायों पर विशेष धयान दिया गया है । जनजातीय समदूहों के विशेष संदर्भ में एक और महतवपदूण्म योजना निक्षय मित्र पहल है , जो तपेदिक का इलाज पाने वाले लोगों का अतिरिकत नैदानिक , पोषण और वयावसायिक सहायता सुदनसशरत करती है । उपरोकत के अलावा , जनजातीय अनुसंधान संस्थान ( ्टीआरआई ) को सहायता प्रदान करने वाली योजना का उद्ेशय अनुसंधान , द्तावेज तैयार करने , प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण गतिविधियों को पदूरा करने के लिए ्टीआरआई को मजबदूत करना है तथिा ्टीआरआई को समग् जनजातीय विकास को पदूरा करने वाले ज्ान केंद्र के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाना है ।
जनजातीय समुदायों के समग्र कल्ाण के लिए अन्य पहल
जनजातीय कार्य मंत्रालय द्ारा चलाई जा रही योजनाओं के अलावा , सरकार के अनय मंत्रालयों के अंतर्गत की गई पहलों द्ारा जनजातीय कलयाण पर धयान केसनद्रत किया गया , चाहे वह किसी भी क्षेत्र और प्रांत के हों । प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री ग्ाम सड़क योजना के अंतर्गत कमशः आवास और सड़क समपक्फ से लेकर जन धन खातों के
माधयम से वित्तीय सशसकतकरण , ्वयं सहायता समदूहों का गठन और मुद्रा योजना तक , विभिन्न सरकारी काय्मकमों ने जनजातीय समुदायों को बहुत लाभ पहुंचाया है । ्व्छ भारत , गोबरधन योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना कुछ अनय ऐसी योजनाएं हैं , जिनकी चर्चा प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी ने जनजातीय गौरव दिवस 2022 के अवसर पर अपने संबोधन में की थिी । प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा कि भगवान बिरसा मुंडा और करोड़ों जनजातीय वीरों के सपनों को साकार करने के लिए राषट्र ' पंच प्रण ' की ऊर्जा के साथि आगे बढ़ रहा है ।
भारत के जनजातीय समुदायों का सम्ान और उनकी सराहना
उन राजयों में 10 जनजातीय ्वतंत्रता सेनानियों के संग्हालय ्वीकृत किए गए हैं जहां जनजातीय समुदाय रहते थिे , उनहोंने अंग्ेजों के खिलाफ संघर्ष किया और झुकने से इंकार किया । प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी ने 01 नवमबर 2022 को राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में मानगढ़ धाम को विकसित करने के लिए एक रोडमैप तैयार करने का आह्ान किया । राजस्थान-गुजरात सीमा के नजदीक स्थित , मानगढ़ धाम , वह स्थान है जहां 1913 में अंग्ेजों की सामदूदहक गोलीबारी में 1500 से अधिक भील ्वतंत्रता
सेनानियों की जान चली गई थिी । मानगढ़ धाम को जनजातीय विरासत और उनकी समृद् सां्कृदतक धरोहर को प्रदर्शित करने वाले एक राषट्रीय ्मारक के रूप में राजस्थान , गुजरात , मधय प्रदेश और महाराषट्र की सरकारों की संयुकत परियोजना के रूप में विकसित किया जाएगा ।
सरकार का धयान मुखय रूप से अनुसदूदरत जनजातियों के समग् विकास और उनहें देश के अनय समुदायों के समकक्ष लाने पर रहा है । सरकार ने अनुसदूदरत जनजातियों के लिए विकास कार्य योजना ( डीएपीएस्टी ) के तहत वचनबद् मंत्रालयों / विभागों की योजनाओं के तहत जनजातीय समुदायों के विकास के लिए कई कदम उठाए हैं । अनुसदूदरत जनजातियों ( एस्टी ) की सामाजिक-आदथि्मक स्थिति में उललेखनीय सुधार हुआ है । उदाहरण के लिए , एस्टी की साक्षरता दर 2011 में 59 प्रतिशत ( जनगणना ) से बढ़कर आवधिक श्म बल सवदेक्षण ( पीएलएफएस ) के अनुसार जुलाई 2020-जदून 2021 में 71.6 प्रतिशत हो गई है , जिसके परिणाम्वरूप समग् और एस्टी साक्षरता के बीच का अंतर 2001-2011 के बीच 14 प्रतिशत से घ्टकर 2011-2021 के बीच 7.5 प्रतिशत पर आ गया । उच्च प्राथिदमक ्तर पर सकल नामांकन अनुपात ( जीईआर ) 91.3 ( 2013-14 ) से सुधरकर 98 ( 2021- 22 ) हो गया है । माधयदमक ्तर ( IX-X ) पर अनुसदूदरत जनजातीय छात्रों के लिए जीईआर 70.2 ( 2013-14 ) से बढ़कर 78.1 ( 2021-22 ) हो गया और वरिषठ माधयदमक ्तर ( XI-XII ) पर एस्टी छात्रों के लिए जीईआर 35.4 ( 2013-14 ) से बढ़कर 52.0 ( 2021-22 ) हो गया है और उच्च शिक्षा ्तर पर एस्टी छात्रों के लिए जीईआर 13.7 ( 2014-15 ) से बढ़कर 18.9 ( 2020-21 ) हो गया है । केंद्र सरकार द्ारा उठाए गए अनय कदमों के साथि-साथि इन सभी पहलों ने जनजातीय समुदायों को उनकी सं्कृदतयों , विरासतों और जीवन के तरीकों का सममान करते हुए मुखयधारा में लाने का मार्ग प्रश्त किया है । �
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