के अभिसरण के माधयम से काया्मसनवत किया जाएगा ।
18 राजयों और केंद्र-शासित प्रदेशों में 75 पीवी्टीजी हैं जो लगभग 28 लाख की आबादी वाले 22,544 गांवों ( 220 जिलों ) में रह रहे हैं । यह जनजातियां बिखरी हुई , ददूररदराज के इलाकों और दुर्गम बस्तयों , अकसर वन क्षेत्रों में रहती हैं । इसलिए पीवी्टीजी परिवारों और बस्तयों को सड़क व ददूरसंचार कनेसक्टदव्टी , बिजली , सुरक्षित आवास , ्व्छ पेयजल और ्व्छता , शिक्षा , ्वा्थय व पोषण तथिा स्थायी आजीविका के अवसर तक बेहतर पहुंच जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने के लिए एक मिशन की योजना बनाई गई है ।
जनजातीय समुदायों को सशक्त बनाना जनजातीय समुदायों के सामाजिक-
सां्कृदतक ताने-बाने की रक्षा करने और राषट्र
निर्माण में उनकी भदूदमका को रेखांकित करने की आवशयकता को समझते हुए भारत के संविधान निर्माताओं ने जनजातीय सं्कृदत की सुरक्षा और अनुसदूदरत जनजातियों के विकास के लिए विशेष प्रावधान किए । इनमें उनकी भाषा , लिपि और अनय सां्कृदतक ततवों का संरक्षण , उनके शैक्षिक हितों को सुदनसशरत करना , आदथि्मक सुरक्षा प्रदान करना और राजनीतिक सशसकतकरण के लिए कदम उठाना शामिल है । उपरोकत संवैधानिक सुरक्षा उपायों के अलावा अनुसदूदरत जनजातियों ( एस्टी ) के एकीकृत सामाजिक-आदथि्मक विकास के लिए अधिक केंद्रित दृष्टिकोण प्रदान करने के उद्ेशय से 1999 में जनजातीय कार्य मंत्रालय नामक एक अलग मंत्रालय की स्थापना की गई । इस मंत्रालय के काय्मकमों और योजनाओं का उद्ेशय अनय केंद्रीय मंत्रालयों , राजय सरकारों और ्वयंसेवी संगठनों को मदद करना और पदूरक बनाना तथिा वित्तीय सहायता के माधयम से एस्टी
की स्थिति को धयान में रखते हुए संस्थानों और काय्मकमों में महतवपदूण्म खाई को पा्टना है ।
जनजातीय सशसकतकरण के लिए एक अनय पहल में , अनुसदूदरत जनजाति और अनय परंपरागत वन निवासी ( वन अधिकारों की मानयता ) अधिनियम- 2006 ( संक्षेप में एफआरए ) को संसद द्ारा वनों में रहने वाली अनुसदूदरत जनजातियों और अनय पारंपरिक वन निवासियों को मानयता देने और वनों में उनके निहित हितों की रक्षा करने के लिए अधिनियमित किया गया थिा । यह वनवासी पीदढ़यों से वन भदूदम में निवास कर रहे हैं , लेकिन पैतृक भदूदम और उनके आवास पर उनके अधिकारों को पर्यापत रूप से मानयता नहीं दी गई है , जो उनके साथि बड़ा अनयाय है । यह अधिनियम 31 दिसंबर 2007 को लागदू हुआ । अनुसदूदरत जनजाति और अनय परंपरागत वन निवासी ( वन अधिकारों की मानयता ) नियम- 2007 को 01 जनवरी 2008 को अधिसदूदरत किया गया थिा ।
fnlacj 2023 15