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जनजातीय सशक्तिकरण , बदलता भारत
नरेन्द्र मोदरी
में एकता भारत की आबादी की सबसे शानदार विशेषताओं में से विविधता
एक है । भारत में दुनिया की ददूसरी सबसे बड़ी जनजातीय आबादी है । 2011 की जनगणना के अनुसार , भारत में जनजातीय जनसंखया कुल जनसंखया का लगभग 8.9 प्रतिशत है । पदूरे देश में जनजातीय लोगों के पास अदद्तीय जीवनशैली और रीति-रिवाजों के साथि समृद् परंपराएं , सं्कृदतयां और विरासत हैं । खासी-गारो आंदोलन , दम्ो आंदोलन , कोल आंदोलन आदि जैसे जनजातीय आंदोलन भारत के इतिहास और ्वतंत्रता संग्ाम के अभिन्न अधयाय हैं । गोंड महारानी वीर दुर्गावती की वीरता हो या रानी कमलापति का बलिदान , देश इसे भदूल नहीं सकता । वीर महाराणा प्रताप के संघर्ष की कलपना उन वीर भीलों के बिना नहीं की जा सकती , जिनहोंने कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ी और अपने जीवन का बलिदान किया । ऐसे कई जनजातीय नायक हैं , जिनहोंने देश की आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति दी ।
जनजातीय ्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान
को याद करते हुए और उनकी विरासत को दरदनित करते हुए केंद्र सरकार ने महान ्वतंत्रता सेनानियों में से एक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को 15 नवंबर 2021 से जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया । ्वतंत्रता के बाद देश में पहली बार जनजातीय समाज की कला तथिा सं्कृदत और ्वतंत्रता आंदोलन एवं राषट्र निर्माण में उनके योगदान को गर्व के साथि याद किया जा रहा है और उनहें इतने बड़े पैमाने पर सममादनत किया जा रहा है । यह घोषणा जनजातीय समुदायों के गौरवशाली इतिहास को ्वीकार करती है और सां्कृदतक विरासत के संरक्षण की दिशा में उनके प्रयासों को मानयता देती है ।
इसके अलावा 15 नवंबर 2023 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी , भगवान बिरसा मुंडा की जनम्थिली उलिहातदू गांव का दौरा करने वाले पहले प्रधान मंत्री बने । इसके अलावा प्रधान मंत्री ने विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समदूहों ( पीवी्टीजी ) के समग् विकास के लिए लगभग 24 हजार करोड़ रुपए के बज्ट के साथि प्रधान मंत्री जनजातीय आदिवासी नयाय महा अभियान ( पीएम जनमन ) आधिकारिक रूप से शुभारंभ किया । मिशन को 9 मंत्रालयों के 11 ह्तक्षेपों
14 fnlacj 2023