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आननद दास ck

बा साहब आंबरेडकर जैसरे महापुरूष की जयंती मनानरे सरे अपनरे आप में गर्वबोध महसूस होता है । लरेतकन जरुरत इस बात की है कि हम सभी को बाबा साहब द्ारा बताए गए मार्ग को अनुसरण करना है और उनकी विचारधारा को अनुसरण करनरे लिए आह्ान करना है । डॉ

ज्ाि एवं कल्ाण के प्रतीक बाबा साहब डॉ भीमराव आं बेडकर

आंबरेडकर के आदशषों को आतमसात करनरे की जरूरत है । वर्तमान परिवरेश में उनका जीवन , विचार और आदर्श अतिप्रासंगिक है । बाबा साहब भीमराव आंबरेडकर का जनम मधय प्रदरेश के महू छावनी कस्बे में 14 अप्रैलए1891 को भीमा बाई तथा रामजी की संतान के रूप में हुआ । वरे दलित परिवार के महार जाति में जनम लिए िरे । यह वह समय था जब भारतीय समाज पूरी तरह सरे
वर्ण . वयवसिा के चंगुल में फंसा हुआ था । ऐसी षसिति में एक दलित बालक का संविधान निर्माता बनना तो दूर था , लरेतकन उनहोंनरे अपनी पढ़ाई और काबिलियत के बल पर अपनरे लिए एक नई राह का निर्माण किया । बालक भीम के बचपन के नायक कबीर िरे ।
कबीर पंथी परिवार होनरे के कारण कबीर के दोहरे , पद और गीत भीम को घुट्टी में मिलरे िरे ।
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