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समाजिक समरसता को लेकर सावरकर द्ारा कितने गंभीर प्रयास किये जा रहें हैं बाबा साहब को इसकी पूरी जानकारी थी , आगे चलकर जिसको उन्ोंने व्यक्त भी किया । जब रत्ातगरी के पेठ किले में भागोजी सेठ कीर द्ारा मंदिर बनवाया गया तो उसका उद्धघाटन करने के लिए वीर सावरकर नें बाबा साहब आं बेडकर को आग्हपूर्वक निमंत्रण भेजा ।
नियोजित कार्य के कारण मरेरा आना संभव नहीं ; पर आप समाज सुधार के क्रेत् में कार्य कर रहें हें , इस विषय की अनुकूल अभिप्राय दरेनरे का अवसर मिल गया है । असपृशयता नष्ट होनरे मात् सरे असपृशय वर्ग हिनदू समाज का अभिन्न अंग नहीं बन पायरेगा । चातुव्तणययं का उच्चाटन होना चाहिए । यरे कहतरे हुए मुझरे अतयतधक प्रसन्नता हो रही है कि आप उन गिनरे-चुनरे लोगों में सरे एक हैं , जिनहें इसकी आवशयकता अनुभव हुई है ।‘ ( सनदभ्त- डॉ आंबरेडकर और सामाजिक क्ांति की यात्ा – दंत्ोपंत ठेंगरी , अनुवादक श्ीधर पराड़कर )
कांग्ेस और राहुल गांधी
कांग्रेस के नरेताओं और विशरेष कर राहुल गांधी को इंटरनरेट पर मौजूद ऐतिहासिक सामग्ी का अधययन करनरे की प्रबल आवशयकता है । कारण यह है कि बिना किसी ठोस जानकारी के राहुल गांधी और उनकी मंडली वीर सावरकर , डॉ आंबरेडकर , राष्ट्रीय सवयं सरेवक संघ के विरुद्ध लगातार अनुचित टिपपणी करतरे रहतरे हैं । इसके पीछे उनके दिमाग में मौजूद हिनदू विरोध की भावना ही दिखाई दिखाई दरेती है । कया कांग्रेस नरेताओं के पास इस प्रश्न का उत्र है कि 1947
में भारत को सवतंत्ता मिलनरे के बाद कांग्रेस नरे लगातार परोक् या अपरोक् रूप सरे केंद्र की सत्ा संभाली और हिनदू विरोधी निर्णय कयों लरेतरे रहरे ? मुषसलम वर्ग और ईसाई वर्ग के हितों के लिए हिनदू हितों की अनदरेखी कयों की गयी ? ऐसरे कानून कयों बनायरे गए जिसका लाभ सिर्फ मुषसलम और ईसाई वर्ग को ही मिला ? हिनदू समाज वालरे भारत दरेश में मुषसलम और ईसाई वर्ग को अवैध मतांतरण करानरे के लिए कयों पोषित किया गया ? वैसरे कांग्रेस नरेताओं के पास इन प्रश्नों का न तो कोई ठोस उत्र है और न ही वह दरेनरे की षसिति में हैं । परिवार विशरेष की गुलाम बन चुकी कांग्रेस मात् हिनदू प्ररेम का दिखावा करके दरेश को तोड़नरे के लिए ही सतक्य है और वामपंथी उनके एक बड़े हथियार हैं । ऐसरे में दलित और वनवासी वर्ग को यह समझना ही होगा कि उनकी पहचान को धीररे-धीररे योजनबद्ध ढंग सरे नष्ट करनरे का काम कांग्रेस और वामपंथी लगातार करतरे आ रहरे हैं । उनके इस षड्ंत् को नष्ट करके ही हिनदू समाज अपनी विशरेष पहचान को बनायरे रखनरे में सफल होगा । �
fnlacj 2022 13