Basant 10 Feb 3013 | Página 15

Ashutosh Chauhan

शीर्षक-"बसंत” / सप्ताह १

मन हुआ पुलकित,शुभ घड़ी आयी है

सरसों की सोंधी सोंधी खुशबू आयी है

छाई है बसंत ऋतु की बहार हर तरफ

दिवाकर ने क्या खूब रश्मि फैलायी है।।१।।

श्वेत वस्त्र धारिणी माँ शारदे आयी है

धारण कर वीणा झंकार सुनाने आयी है

कोयलिया भी कूकती है खूब तान पर,

अमिया के पेड़ पर भी खूब बौर आयी है।।२।।

(आशुतोष चौहान "एक अधूरी हसरत ") 11/2/13