Yogesh Sarwad
"शीर्षक-"बसंत " / सप्ताह 1"
बसंत पर गीत लिखने कि एक अदना सी कोशिश अभी-अभी .......
आई रे बासंती छाई रे बासंती
पर तू ना आया मेरे प्यार ..............
आई रे बासंती छाई रे बासंती ...........
कुदरत ने ली अंगड़ाई न्यारी,
हर सू लगे है प्यारी प्यारी
देख लिया मेने घर और आंगन
पर तू ना आया मेरे प्यार ..............
आई रे बासंती छाई रे बासंती ...........
दिल में ठंडक देती पुरवाई,
बलम मेरा है हरजाई
विहंग भी लौट कर घर को आये
पर तू ना आया मेरे प्यार ..............
आई रे बासंती छाई रे बासंती ...........
चाँदनी का रस्ता चंदा देखे,
दिल को न कोई खिलौने सा फेंके,
आ गए सब सात समंदर से
पर तू ना आया मेरे प्यार ..............
आई रे बासंती छाई रे बासंती ...........
योगेश सरवाड " नानेश "