जनजषातीय कल्याण
देशभर में 75 ठ्वरेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह ( पी्वीटीजीएस ) सहित 705 से अधिक जनजातीय समूह हैं जोकि ऐतिहासिक रूप से जंगलों , पहाड़ियों , प्वतितीय और दूरदराज के ऐसे क्ेत्ों में रह रहे हैं , जहां पहुंचना कठिन है और जहां भौतिक और डिजिटल संपर्क साधने में कई तरह की चुनौतियां हैं । स्वतंत्ता के बाद जनजातीय ठ्वकास के लिये ठ्व ठभन् दृषषटकोण और मलॉडल ठ्वकसित किए गए और जनजातीय उप-योजना ( टीएसपी ) 1974-75 में अषसतत्व में आई , जिसके बाद से इसमें कई तरह के बदला्व हुए । इसे अनुसूचित जनजातीय घटक ( एसटीसी ) और अनुसूचित जनजातियों के लिए ठ्वकास कारति्वाई योजना ( डीएपीएसटी ) के रूप में जाना जाता है । हालांकि , मूल सिद्धांत ्वही रहा कि भारत सरकार के सभी मंत्ालयों / ठ्वभागों को अनुसूचित जनजातियों के कलयाण के लिए योजना बनाकर मिलकर काम करने की जरूरत है ।
केनद्रीय जनजातीय कार्य राजय मंत्ी दुर्गादास उइके ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्र में बताया कि पिछले 10 साल के दौरान अनुसूचित जनजाति के लिए ठ्वकास कार्य योजना
( डीएपीएसटी ) के तहत विभिन्न केनद्रीय मंत्ालयों / ठ्वभागों का बजट आ्वंटन ( 2013-14 में ) 24,598 करोड़ रुपए से बढ़कर 2023-24 में 1,19,509 करोड़ रुपए तक पहुंच गया । अनुसूचित जनजातीयों की ठ्वकास योजनाओं के लिये 42 केनद्रीय मंत्ालयों / ठ्वभागों को डीएपीएसटी के तहत बजट अनुदान आ्वंटित किया गया । जनजातीय इलाकों में सड़क , आंगन्वाड़ी , स्वासथय केनद्र बनाने के लिए नियमों में ढील दी गई । मंत्ालय ने विभिन्न मंत्ालयों द्ारा उपयोग में लाए जाने ्वाले कोष की निगरानी के लिए एक समर्पित पोर्टल भी ठ्वकसित किया गया है । इसकी पूरी जानकारी सा्वतिजनिक रूप से उपलबध है ।
उनहोंने बताया कि जनजातीय कार्य मंत्ालय ने प्रधानमंत्ी आदि आदर्श ग्राम योजना शुरू की , जिसका उद्ेशय डीएपीएसटी कोष के साथ मिलकर जनजातीय गां्वों के बुनियादी ढांचे में सुधार लाना है । इसी तरह प्रधानमंत्ी जनजातीय आठद्वासी नयाय महाअभियान ( पीएम- जनमन ) 18 राजयों और एक संघ शासित प्रदेश में जंगलों और दूरदराज इलाकों में षसथत 3,00,000
बषसतयों में रहने ्वाले 75 पी्वीटीजी समुदायों ( 11 लाख परर्वारों ) के लिये शुरू किया गया । मिशन के तहत सभी संबंधित योजनाओं के लिए जनसंखया संबंधी नियमों में ढील दी गई ।
उनहोंने बताया कि प्रधानमंत्ी जनजातीय ठ्वकास मिशन ( पीएमजे्वीएम ) का उद्ेशय ्वन धन ठ्वकास केनद्रों / ्वन धन उतपादक उद्मों की सथापना कर उनमें फार्वड्ड और बैक्वड्ड लिंकेज उपलबध कराते हुये देश भर में आजीठ्वका संचालित जनजातीय ठ्वकास हासिल करना है । इसके साथ ही नयूनतम समर्थन मूलय पर लघु ्वन उतपादों की खरीद कर राजयों को सहायता पहुंचाना भी है । योजना के तहत हाट-बाजार , माल गोदाम सथाठपत करने का भी प्रा्वधान किया गया है । इसके साथ ही आठद्वासियों के सरषकतकरण के लिये प्रौद्ोठगकी पर ठ्वरेष जोर दिया गया है । योजना की प्रगति , राजयों द्ारा कोष का उपयोग की निगरानी के लिये मंत्ालय ने एक प्रदर्शन डैशबोर्ड ठ्वकसित किया है , जिसमें जनजातीय समुदायों के समग्र ठ्वकास के लिये भारत सरकार द्ारा किए जा रहे विभिन्न ठ्व्वरण को देखा जा सकता है ।
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