Aug 2024_DA | Page 46

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उनहोंने बताया कि इलेकटलॉठनकी और सूचना प्रौद्ोठगकी मंत्ालय के तहत सटाट्ड- अप , न्वाचार और आईपीआर प्रभाग ने तमिलनाडु राजय में अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के नेतृत्व ्वाले सटाट्डअप सहित पूरे भारत में आईसीटी डोमेन में स्वदेशी उतपादों को ठ्वकसित करने के लिए न्वाचार आधारित सटाट्डअप इको-सिसटम को प्रोतसाठहत करने के लिए विभिन्न सटाट्डअप केंद्रित कार्यक्रम / योजनाएं शुरू की हैं । ये पहलें जाति के इतर सटाट्डअप और उद्ठमयों को बढ़ावा देने के लिए हैं और एससी और एसटी के लिए भी लागू हैं ।
उनहोंने बताया कि इसी तरह टेक्ोललॉजी इनकयूबेशन एंड ड्वलपमेंट ऑफ आंत्प्रेनयोर ( टीआईडीई 2.0 ) योजना ्वषति 2019 में शुरू की गई थी , ताकि आईओटी , एआई , ब्लॉक-चेन , रोबोटिकस आदि जैसी उभरती प्रौद्ोठगठकयों का उपयोग करके आईसीटी सटाट्डअपस को समर्थन देने में लगे इनकयूबेटरों को ठ्वत्ीय और तकनीकी सहायता के माधयम से तकनीकी उद्ठमता को बढ़ावा दिया जा सके । इस योजना का उद्ेशय उभरती प्रौद्ोठगठकयों का लाभ उठाकर राषट हित के सात ठ्वषयगत क्ेत्ों में टेक-सटाट्डअपस को वयापक सहायता प्रदान करना है । समर्थित ठ्वषयगत क्ेत् हैं स्वासथय से्वा , शिक्ा , कृषि , ठ्वत्ीय समा्वेशन ( डिजिटल भुगतान सहित ), बुनियादी ढांचा और परर्वहन तथा पयाति्वरण और स्वचछ तकनीक । उच्च शिक्ा संसथानों और प्रमुख अनुसंधान ए्वं ठ्वकास संगठनों में इनकयूबेशन गठतठ्वठधयों को बढ़ावा देने के वयापक उद्ेशय के साथ तीन सतरीय संरचना के माधयम से 51 इनकयूबेटरों के माधयम से इस योजना को लागू किया जा रहा है । योजना का उद्ेशय पांच वर्षों की अ्वठध में लगभग 2000 तकनीकी सटाट्ड-अप को इनकयूबेशन सहायता प्रदान करना है ।

जनजषातीय समुदषायों में बेरोजगषारी की दर में कमी

आ्वठधक श्म बल स्वचेक्ण ( पीएलएफएस ) रिपोर्ट के अनुसार , जनजातीय समुदाय के लिए सामानय षसथठत पर अनुमानित बेरोजगारी दर ( यूआर ) ्वषति 2019-20 में 3.4 प्रतिशत , ्वषति 2020-21 में 2.7 प्रतिशत , ्वषति 2021-22 में 2.4 प्रतिशत और ्वषति 2022-23 में 1.8 प्रतिशत रही । जानकारी हो के पीएलएफएस रिपोर्ट अखिल भारतीय सतर पर विभिन्न सामाजिक समूहों के लिए अनुमान प्रदान करती है ।
केंद्रीय श्म ए्वं रोजगार राजय मंत्ी श्ीमती शोभा करंदलाजे ने लोकसभा में एक लिखित उत्र में बताया कि रोजगार सृजन के साथ- साथ रोजगार क्मता में सुधार लाना सरकार की प्राथमिकता है । तदनुसार , केंद्र सरकार ने देश में रोजगार सृजन के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं । केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्ालय / ठ्वभाग जैसे सूक्म , लघु और मधयम उद्म मंत्ालय , ग्रामीण ठ्वकास मंत्ालय , आ्वास ए्वं शहरी कार्य मंत्ालय , वित्त मंत्ालय , ्वस् त् मंत्ालय , इलेकटलॉठनकस ए्वं सूचना प्रौद्ोठगकी मंत्ालय आदि राजसथान राजय सहित देश में रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत
वयय में ्वृद्धि सहित प्रधानमंत्ी रोजगार सृजन कार्यक्रम ( पीएमईजीपी ), महातमा गांधी राषटीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ( एमजीएनआरईजीएस ), पंडित दीन दयाल उपाधयाय ग्रामीण कौशल्‍य योजना ( डीडीयू- जीके्वाई ), ग्रामीण स्वरोजगार और प्रठरक्ण संसथान ( आरएसईटीआई ), दीन दयाल अंतयोदय योजना-राषटीय शहरी आजीठ्वका मिशन ( डीए्वाई-एनयूएलएम ), प्रधानमंत्ी मुद्रा योजना ( पीएमएम्वाई ), आदि जैसी विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं / कार्यक्रमों को लागू कर रहे हैं । इसके अला्वा , सरकार औद्ोठगक प्रठरक्ण संसथानों ( आईटीआई ) के माधयम से देश में प्रधानमंत्ी कौशल ठ्वकास योजना ( पीएमके्वी्वाई ), जन ठरक्ण संसथान ( जेएसएस ), राषटीय प्रशिक्ुता प्रोतसाहन योजना ( एनएपीएस ) और शिलपकार प्रठरक्ण योजना ( सीटीएस ) जैसी विभिन्न कौशल ठ्वकास योजनाओं को लागू कर रही है । सरकार द्ारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न रोजगार सृजन योजनाओं का ठ्व्वरण https :// dge . gov . inschemes _ programmes पर देखा जा सकता है
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