Aug 2024_DA | 页面 20

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नयायाधीश चंद्रचूड़ ने कहा कि ऐतिहासिक साक्य दर्शाते हैं कि अनुसूचित जातियां सामाजिक रूप से ठ्वषम ्वगति हैं और राजय अनुचछेद-15 ( 4 ) और 16 ( 4 ) में मिली रषकतयों का प्रयोग करते हुए अनुसूचित जाति का उपवर्गीकरण कर सकता है , लेकिन यह वर्गीकरण तर्कसंगत सिद्धांत पर आधारित होना चाहिए और तर्कसंगत सिद्धांत का उपवर्गीकरण के उद्ेशय से संबंध होना
देने के लिए एसीसी ्वगति में उपवर्गीकरण करने की कानून में अनुमति है । हालांकि उनहोंने भी कम प्रतिनिधित्व और अधिक आ्वशयकता सिद्ध करने ्वाले आंकड़ों को एकत् करने की बात कही है ।
नयायाधीश ग्वई ने अपने निर्णय में कहा है कि उपवर्गीकरण करते ्वकत राजय सौ प्रतिशत सीटें उपवर्गीकरण के लिए आरठक्त नहीं कर
ने नयायाधीश चंद्रचूड़ और नयायाधीश ग्वई के निर्णय से सहमति जताते हुए अपने अलग से दिए निर्णय में आरक्ण नीति के पुन्वतिलोकन और उतथान का कोई और तरीका खोजने पर बल देते हुए मौजूदा तरीके को जाति व्यवसथा को पुनर्जीवित करने ्वाला बताया है । उनहोंने एससी और एसटी के उपवर्गीकरण और क्रीमी लेयर की पहचान सम्बनधी निर्णय से भी अपनी
चाहिए । ई्वी चिनैया निर्णय में अनुसूचित जाति ्वगति के उपवर्गीकरण को नहीं करने सम्बनधी व्यवसथा को समापत किया जाता है ।
नयायाधीश ग्वई ने अलग से दिए अपने निर्णय में नयायाधीश चंद्रचूड़ से पूर्ण सहमति वयकत की और मुद्े को महत्वपूर्ण बताते हुए क्रीमीलेयर की पहचान और उसे बाहर करने पर जोर दिया है । उनहोंने कहा कि राजय को एससी और एसटी ्वगति में क्रीमी लेयर की पहचान करने के लिए अठन्वार्य रूप से नीति बनानी चाहिए ताकि उनहें आरक्ण का लाभ लेने से बाहर किया जा सके । उनहोंने कहा कि संठ्वधान में दिए गए समानता के सिद्धांत को प्रापत करने का सिर्फ यही एकमात् रासता है । अधिक आ्वशयकता ्वाले लोगों को आरक्ण का लाभ
सकता । साथ ही राजय अनय जातियों को आरक्ण से बाहर नहीं कर सकता है । आशय यह है कि राजयों के पास अधिक जरूरतमंदों को आरक्ण का लाभ देने के लिए उपवर्गीकरण का अधिकार है , लेकिन इसके तहत एससी जाति के कुछ वर्गों तक ही आरक्ण का लाभ सीमित नहीं किया जा सकता , उसे मूल ्वगति और उप्वगति दोनों को आरक्ण का लाभ देना होगा । नयायाधीश ग्वई ने कहा कि एम . नागराज और दठ्वनदर सिंह के पू्वति निर्णयों में क्रीमी लेयर का सिद्धांत लागू करने की दी गई व्यवसथा सही कानून है , लेकिन एससी और एसटी ्वगति से क्रीमी लेयर बाहर करने के मानक अनय पिछड़ा ्वगति की क्रीमी लेयर से ठभन् होंगे ।
पीठ के सदसय नयायाधीश पंकज ठमत्ल
सहमति जताई है । नयायाधीश ठ्वक्रम नाथ ने उपवर्गीकरण और क्रीमीलेयर की पहचान के मूल निर्णयों से सहमति जताते हुए कहा है कि क्रीमीलेयर की पहचान के मानक अनय पिछड़ा ्वगति से ठभन् होने चाहिए । नयायाधीश सतीश चंद्र शर्मा ने मूल निर्णयों से सहमति वयकत करते हुए अपना निर्णय अलग से फैसला है । बहुमत के निर्णय से असहमति वयकत करते हुए नयायाधीश बेला एम त्रिवेदी ने कहा है कि एससी और एसटी का उपवर्गीकरण सं्वैधानिक प्रठ्वधानों के ठ्वरुद्ध है और अनुचछेद-341 और अनुचछेद-342 में जारी राषटपति की सूची में कोई भी बदला्व सिर्फ संसद कर सकती है कयोंकि राजयों के पास यह अधिकार नहीं है । �
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